झांसी। झांसी में वधु पक्ष ने जाति छिपाकर 27 जून को शादी रचाई और जब पता चला कि दुल्हन यादव जाति की है तो लोधी जाति के दूल्हा ने दुल्हन को साथ रखने से इंकार करते हुए शादी तोड़ दी। इसके बाद दुल्हन और दूल्हे का परिवार थाने पहुंचा और वहां दोनों पक्षों ने आपसी रजामंदी से रिश्ता तोड़ दिया।
झांसी के थाना रक्सा क्षेत्र के बसाई गांव निवासी धर्मेंद्र राजपूत (28) खेती करता है। उसके पिता शगुन राजपूत ने बताया-बेटे की शादी के लिए लड़की की तलाश थी।इस दौरान गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा में लोधी समाज की एक लड़की है। लड़की का भाई उसकी शादी करना चाहता है। यह सुनकर उसने युवक ने रिश्ते की बात करने को कहा।
इसके बाद एक दिन वह युवक लड़की के भाई को लेकर शगुन के घर आया। उसने अपनी बहन से शादी के लिए 50 हजार रुपए मांगे। रुपए देने पर उसने सहमति दे दी और लड़की के भाई को 20 हजार रुपए दे दिए। पिता ने बताया कि जब उसने लड़की के भाई से आधार कार्ड मांगा, तो बोला कि खो गया है। इसके बाद शादी की तिथि तय हो गई। 27 जून को युवक अपनी बहन को रक्सा के बड़ी माता मंदिर पर लाया।
मंदिर में धर्मेंद्र और युवती ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई, फिर सात फेरे लेकर हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। शादी के बाद दुल्हन का भाई 50 हजार रुपए मांगने लगा। इस बात को लेकर झगड़ा हो गया। शगुन राजपूत ने बताया- दुल्हन के भाई ने जमकर शराब पी। नशे में उसने कहा कि हम लोग लोधी नहीं, यादव हैं। जाति को लेकर विरोध किया, तो वह भाग गया।
इसके बाद मंदिर से वह लोग दुल्हन को लेकर घर चले गए। घर पहुंचने के बाद दुल्हन ने भी खाना-पीना छोड़ दिया। स्थिति को देखते हुए 28 जून को बहू को लेकर वह लोग थाने पहुंचे। वहां दुल्हन के भाई को भी बुलाया गया। वहां दोनों पक्षों ने आपसी रजामंदी से रिश्ता तोड़ दिया। इसके बाद दुल्हन अपने भाई के साथ चली गई। फिलहाल इस मामले में थाने में किसी पक्ष ने कोई तहरीर नहीं दी है। यह मामला सुर्खियों में छाया हुआ है।