– बंद को लेकर आमने-सामने आए व्यापारी संगठनों में हुई खाई गहरी

झांसी। व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (केट) द्वारा जीएसटी के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर 26 फरवरी को आहूत भारत बंद झांसी में दो व्यापारी संगठनों की प्रतिद्वंद्वता की भेंट चढ़ गया। बाजारों में सुबह बंद तो दोपहर शुरू होते खुला दिखाई दिया। दोनों संगठनों के व्यापारी नेता अपने अपने तर्कों-कुतर्कों के बूते अपनी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। हालांकि भारत बंद को लेकर आमने-सामने आए व्यापारी संगठनों खाई गहरी हो गई है।

जीएसटी की खामियों और ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों के खिलाफ शुक्रवार को भारत बंद का झांसी में कहीं मिला जुला तो कहीं आंशिक असर देखने को मिला। कई व्यापारी संगठन इसके समर्थन में आए, तो कुछ ने इससे दूरी बना कर अपने अपने संगठनों के प्रति प्रतिबद्धता जताई। जनपद के व्यापारिक संगठन बंद को लेकर आमने-सामने दिखाई दिए. एक ओर जहां कुछ स्थानों पर बाजार बंद रहे, तो दूसरी ओर कई व्यापारिक संगठनों से जुड़े व्यापारियों ने बंद का विरोध करते हुए दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खोले रखे. व्यापारियों के आमने-सामने आने की संभावना को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीमें भी लगातार सक्रिय रहीं।
गौरतलब है कि 26 फरवरी को व्यापारियों के संगठन कैट के आवाहन पर देश व्यापी बाजार बंद के आह्वान के समर्थन में उप्र व्यापार मंडल द्वारा आहूत ‘बंद’ का झांसी व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश द्वारा विरोध करना शुरू कर दिया था। बंद को दोनों संगठनों के शक्ति परीक्षण के रूप में देखा जा रहा था। शुक्रवार के खुले व बंद के परिणाम की समीक्षा की जाए तो साबित होता है कि व्यापारी ने अपने अपने तरीके से दोनों संगठनों के नेताओं का मान रखा।