उमरे 100% विद्युतीकरण की दिशा में बढ़ा रहा तेज कदम

प्रयागराज। भारतीय रेल अपने पूरे नेटवर्क के 100% विद्युतीकरण के लक्ष्य से तीव्र गति से कार्य कर रही है। उत्तर मध्य रेलवे जो भारतीय रेल के महत्वपूर्ण घटक के रूप में राष्ट्र के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों को उत्तरी भाग तक महत्वपूर्ण संपर्क प्रदान करती है, अपने खंडों के विद्युतीकरण के लिए तीव्र गति से प्रयासरत है। ज्ञात हो कि, उत्तर मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण ट्रंक मार्ग पहले से ही विद्युतीकृत हैं, और इन के अलावा, शाखा लाइनों पर शेष खंडों को भी तीव्र गति से विद्युतीकृत किया जा रहा है।
100% विद्युतीकरण के इस लक्ष्य को हासिल करने के क्रम में, उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के भंडई- उड़ी मोड़- इटावा सिंगल लाइन सेक्शन को 25 केवी, एसी सिंगल फेज, 50 हर्ट्ज पर ओएचई को ऊर्जीकृत करने के क्रम में 27 फरवरी को ईआईजी स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इसके उपरांत इस खंड में इलेक्ट्रिक ट्रेनों के नियमित संचालन के पहले 28 फरवरी को झांसी लोको शेड के विद्युत लोको नंबर – 222282 द्वारा एक परीक्षण भी किया गया ।
इसके अलावा, चालू वर्ष 2021 के दौरान, पहले दो महीनों में, अलीगढ़-गाज़ियाबाद खंड के बीच लाइन पर बाई डायरेक्शनल स्वचालित सिग्नलिंग कार्य के संबंध में “चोला यार्ड का विद्युतीकरण, चुनार-चोपन सेक्शन पर सोनभद्र में 132/25 केवी के ट्रैक्शन सब स्टेशन के ओएचई के ऊर्जाकरण कार्य, ऊंचडीह स्टेशन पर हॉट एक्सल साइडिंग के लिए ओएचई का ऊर्जाकरण, और तीन अलग-अलग स्थानों पर 09 ऑक्ज़ीलरी ट्रांसफार्मर के प्रावधान के कार्य को भी पूरा किया गया है।
इन विद्युतिकरण कार्य से न केवल रेल नेटवर्क पर रेल यातायात का निर्बाध संचालन सुनिश्चित हो सकेगा, बल्कि कर्षण को बदलने की आवश्यकता का भी समाधान होगा। इन कार्यों से परिचालन क्षमता बढ़ेगी, लाइन क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों की औसत गति में सुधार होगा। इन खंडों के विद्युतीकरण से आयातित पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग में कमी आएगी और इनसे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी भी आएगी।