– साहित्य यात्रा से रानी लक्ष्मीबाई पर संगोष्ठी का हुआ समापन
झांसी। बीयू के हिन्दी विभाग व साहित्य अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की स्वाधीन चेतना विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन साहित्यिक यात्रा निकालकर किया गया।
साहित्यिक यात्रा की शुरूआत दतिया में मां पीतांबरा के दर्शन से हुई और दतिया चौक पर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए साहित्यकारों ने झांसी का किला, रानी महल, लक्ष्मी मन्दिर व गणेश मन्दिर का भ्रमण करने के बाद राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जन्मभूमि चिरगांव में राष्ट्रकवि की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और इसके बाद उनकी बखरी में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त महाविद्यालय के विद्यार्थियो को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिन्दुस्तानी अकादमी के अध्यक्ष डॉ उदय प्रताप सिंह ने कहा कि साहित्यकारों एवं ऐतिहासिक महापुरुषों से जुड़े स्थलों की यात्रा करने से साहित्य और इतिहास को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। लोक में प्रचलित प्रसंग, गीत आदि इतिहास को समझने में बेहतर भूमिका निभाते हैं। संगोष्ठी संयोजक डॉ पुनीत बिसारिया ने कहा कि साहित्य और इतिहास लोक में जीवंत रहकर श्रुति एवं लिखित परंपरा के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित होता रहता है और ऐसी यात्राओं से उन्हें नेपथ्य से परिदृश्य में लेकर आने में सहायता मिलती है। आयोजन का संचालन नवीन चंद पटेल ने किया और मैथिलीशरण गुप्त जी के वंशज डॉ वैभव गुप्त ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ विनम्र सेन सिंह, डॉ अमरेन्द्र त्रिपाठी, डॉ सुजीत कुमार सिंह, विनोद मिश्र सुरमणि, अरुण सिद्ध, डॉ राज गोस्वामी, के के आलोक, डॉ मुन्नीलाल शर्मा बेहोश, देवेश श्रीवास्तव, कमला कांत उपाध्याय, संजय कुमार, प्रीति सिंह, ममता देवी, जितेन्द्र उपाध्याय, प्रीति तिवारी सहित विभाग के अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।
 
		













