1. झांसी। योगी सरकार पर हमलावर अंदाज अख्तियार करते हुए उद्धव ठाकरे सरकार के मुख्य पत्र सामना में बीते दिनों लिखा था, ‘मुंबई से फिल्म सिटी, उद्योग उठाकर ले जाना किसी बच्चे के हाथ से चॉकलेट छीनकर ले जाने जितना आसान नहीं है। यह किसी के बाप के लिए भी संभव नहीं है। लगता है कि महाराष्ट्र सरकार की तर्ज़ पर झांसी की बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच चल रही है जो झांसी में फिल्म स्टूडियो खोलने नहीं देना चाहता। दरअसल,  इस बैंक शाखा में फिल्म स्टूडियो खोलने के लिए ऋण हेेतु एक फाइल अपनेे निस्तारण के लिए पड़़ी है। इस फायल को  उद्योग विभाग से पास हुए 6 महीने बीत गए हैं लेकिन बैंक द्वारा ऋण स्वीकृृत नहीं किया जा रहा है। पीड़ित प्रमेंद्र कुमार निवासी बस स्टैंड के पास झाांसी का आरोप है कि मांग पूरी नहीं की गई है इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावों को ठेंगा दिखा कर मैनेजर फाइल का निस्तारण नहीं कर रहा। गौरतलब है कि झांसी में प्रतिभाओं को मंच देने के उद्देश्य से ऋण लेकर फिल्म स्टूडियो खोलने का कार्य करने की तैयारी की गई। इसके लिए उद्योग विभाग से फिल्म स्टूडियो के नाम से फाइल बैंक शाखा में भेजी गई, किंतु कई माह बाद भी बैंक शाखा में फाइल पर कार्रवाई नहीं हुई। झांसी जिला अधिकारी को शिकायत पत्र देते हुए जानकारी दी कि फिल्म स्टूडियो के लिए बीते 6 माह से एक फाइल पड़ी हुई है बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा इलाइट चौराहा द्वारा गुमराह करने का निरंतर कार्य किया जा रहा है। फिल्म स्टूडियो के नाम पर पड़ी फाइल पर धूल जम चुकी है, लेेकिन लोन नहीं दिया गया। आरोप है कि  ईस्टांप कोटेशन मार्कशीट जरूरी कागजात सिविल स्कोर कंप्लीट हो जाने के बाबजूद निरंतर गुमराह और टाला मटोली कर उच्च अधिकारियों के आदेश की स्पष्ट अवहेलना कर केंद्र व राज्य सरकार की लाभकारी और कल्याणकारी योजनाओं को लगातार विफल करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। झांसी प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई करने की अपेक्षा की गई है।