झांसी। विशेष न्यायाधीश (द०प०क्षे०अधिo) / अपर सत्र न्यायाधीश, ममता गुप्ता की अदालत में आरोप सिद्ध होने पर तीन अभियुक्तों को चार-चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी।

विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा के अनुसार वादी मुकेश ने थाना सकरार पर तहरीर इस आशय की दी थी कि ९ नवम्बर २००० को करीब ५बजे शाम जब वह अपने पिता सुरेश ढीमर पुत्र अजुद्दी के साथ घर से हार को जा रहा था ।वह जैसे ही गांव से बाहर पठार के पास पहुंचे कि आशाराम पुत्र गनेश, नन्दू पुत्र गनेश, रामकुमार पुत्र गनेश व रामरतन पुत्र आशाराम निवासी ग्राम अड़जार हाथ में लाठी(लुहांगी ) डण्डा व कुल्हाड़ी लिये हुये आये और गाली गलौज करते हुए चारों व्यक्तियों ने पिता को लाठी डण्डों , लुहांगी व कुल्हाड़ी से मारपीट शुरू कर दी , चीख पुकार सुनकर गांव के लोग मौके पर आ गये और बीच बचाव किया । चारों व्यक्ति जान से मारने की धमकी देते हुये भाग गये।उक्त तहरीर पर आशाराम ,नन्दू , रामकुमार, रामरतन के विरूद्ध धारा- ३०८,३२५, ३२३, ५०४, ५०६ भान्द०स० के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना उपरान्त अभियुक्त आशाराम ,नन्दू , रामकुमार, रामरतन के विरूद्ध के विरूद्ध धारा-३०८,३२५,३२३, ५०४, ५०६ भाद०स० के तहत आरोपपत्र प्रेषित किया गया । न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्तगण नन्दू, रामकुमार, रामरतन प्रत्येक को धारा-३२३/३४ भान्द०स० के अपराध में ०१ वर्ष के कठोर कारावास , धारा- ३२४/३४ के अपराध में ०३ वर्ष के कठोर कारावास ,धारा- ३२५/३४ भा०द०स० के अपराध में ०४ वर्ष के कठोर कारावास एवं पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये के अर्थदण्ड व अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने पर ६-६ माह के अतिरिक्त कठोर कारावास , धारा-
५०४ भा०द०सं० के अपराध में ०१ वर्ष के कठोर कारावास एवं धारा- ५०६भा०द०सं० में ०४ वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
अभियुक्त आशाराम को धारा- ३२३/३४, ३२४/ ३४,३२५/३४, ५०४, ५०६ भा०द०स० के अपराध में परिवीक्षा का लाभ देते हुये २५-२५ हजार रूपये की दो प्रतिभू एवं इतनी ही धनराशि का बन्धपत्र दाखिल करने पर उसे परिवीक्षा पर इन शतों के साथ मुक्त किया जाता है कि वह इस आदेश को पारित किये जाने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिये शान्ति बनाये रखेगा और सदाचारी होगा ।