। उमरे के झांसी मंडल मुख्यालय पर स्थित रेलवे इलेक्ट्रिक कंस्ट्रक्शन डिपो में रविवार की दोपहर रहस्यमय आग से 48 सौ इंसुलेटर जल कर नष्ट होने से 91 लाख रुपए की क्षति हो गई। समय रहते आग पर काबू कर बुझा दिए जाने से वहां चार विशालकाय स्टोरों में रखी करोड़ों की रेल सम्पत्ति बच गई। इसके साथ ही डिपो के स्टोर का रिकॉर्ड सुरक्षित रहने से किसी प्रकार के घपले की संभावना पर विराम लग गया है।
बताया गया है कि रविवार को अवकाश होने पर रेलवे इलेक्ट्रिक कंस्ट्रक्शन डिपो भी बंद था। दोपहर में लगभग एक बजे निकटवर्ती आउट हाउस के निवासियों ने डिपो के एक हिस्से से धुआं निकलता देख कर किसी अनहोनी की आशंकाओं से आरपीएफ व विभाग के अधिकारियों को सूचित कर दिया। इस सूचना पर पहुंचे आरपीएफ की टीम ने डिपो का दरवाजा खोला और जब अंदर पहुंचे तो डिपो के कार्यालय के पिछवाड़े में स्थित आउट स्टोर में रखे इंसुलेटर से भरी पेटियों में आग लगी दिखाई दी। इस तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
गलत दिशा में दमकल की गाड़ी पहुंचने से हुआ काफी नुकसान
फायर ब्रिगेड की गाड़ी दुर्भाग्य से घटना स्थल के बजाय गलती से विपरीत दिशा में माल गोदाम पहुंच गई। इसके बाद गाड़ी को घटना स्थल पर लाया गया तब तक आउट स्टोर में रखी इंसुलेटर की सभी पेटियां आग की गिरफ्त में आ गई। दमकल कर्मियों ने अथक प्रयास के बाद अपराह्न 3 बजे आग को काबू में कर बुझा दिया। यदि गाड़ी सीधे घटना स्थल पर पहुंच जाती तो नुकसान कम होता। इतना ही नहीं अग्निकांड की जांच के दौरान सायं फिर से आग सुलगने लगी। इस पर पुनः दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग को पूरी तरह से बुझाया।
उधर, सूचना मिलने पर एसके पाठक उप मुख्य विद्युत अभियंता निर्माण, मोहन लाल मेघवाल वरिष्ठ विद्युत अभियंता निर्माण के अलावा राजकुमार साहू डीएसके स्टोर, एके यादव इंस्पेक्टर आरपीएफ स्टेशन पोस्ट, एसपीएस यादव, अंजनी कुशवाहा, लखन लाल अहिरवार एस एस ई, आफिस स्टाफ पहुंच गए।
इसके बाद संयुक्त टीम द्वारा घटना की जांच की गई। इसमें आग लगने का कारण अज्ञात पाया। अग्निकांड में 24 सौ पेटियों में रखे 4800 इंसुलेटर के जलने से 91 लाख रुपए की क्षति का आंकलन किया गया। आउटडोर स्टोर में रखी इंसुलेटर सहित पेटियों के जलने के अलावा अन्य सभी समान व स्टोर का रिकॉर्ड आदि सुरक्षित पाया गया। फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। इस अग्निकांड को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।