– 6 नकली व 2 असली रेमडेसीवर इंजेक्शन बरामद,  मेडिकल कॉलेज में ही फैला था पूरा मकड़जाल
झांसी। कोरोना महामारी में जहां एक ओर पूरा देश त्राहि त्राहि कर रहा वहीं इस महामारी आपदा को अवसर में तब्दील कर जनता के साथ लूट खसोट करने वाले 7 लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 6 नकली व 2 असली रेमडेसीवर इंजेक्शन बरामद कर ऐसे रेकेट का भण्डाफोड़ कर दिया है जो मेडिकल कॉलेज, मेडिकल स्टोर व नर्सिंगहोम के गठजोड़ से चल रहा था और लाखों केेे बारे न्यारे कर चुुुका था। हालांकि टीम की कार्रवाई के दौरान एक आरोपी मौके से भागने में सफल हो गया। पकड़े गए माफियाओं से पूछताछ में जानकारी मिली है कि यह पूरा काला कारोबार का मकड़ जाल मेडिकल कॉलेज में ही फैला है। पुलिस टीम इस कारोबार में प्रकाश में आए कई चिकित्सक और मेडिकल स्टोर के बारे में पुलिस जांच कर रही है।
दरअसल, जनपद मेंं फ़़ैल रही कोरोना महामारी के मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं इस महामारी आपदा को अवसर में बदलने के लिए मेडिकल कोलेज में तैनात कतिपय कर्मचारी ही माफिया बन गए थे, मरीजों को लगने वाले इंजैक्सन और अन्य दवाएं दस से बीस गुना में बेच कर जेबों को भरने लगे। इस तरह की शिकायतों के आम होने लगी थी। इस मामले को गंभीरता से लेकर एसएसपी ने एसओजी को इन माफियाओं को गिरफ्तार कर इंजेक्शन की कालाबजारी पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। थाना नवाबाद निरीक्षक ईश्वर सिंह सहित उनकी टीम, एसओजी प्रभारी राजेश पाल के साथ कॉन्स्टेबल योगेन्द्र चौहान, पदम गोस्वामी, प्रदीप सेंगर, सत्येंद्र चौहान और सर्व लांस टीम ने सर्वलांस के माध्यम से माफियाओं को चिन्हित कर रेकेेट को पकड़ने मेडिकल कोलेज के पास ही डेरा डाल लिया था। इस दौरान टीम ने मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स मनीष पाल निवासी गुम्नवारा, जमुना प्रसाद निवासी कृष्णा नगर प्रेमनगर को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ के बाद उनके इस गिरोह में शामिल मेडिकल कॉलेज के गेट नंबर एक के सामने स्थित मेडिकल स्टोर से विशाल बिरथरे, जैनिया नर्सिंग होम के कम्पाउन्डर हिमांशु समाधियां, मानस हॉस्पिटल के कम्पाउन्ड हरेंद्र पटेल, मानवेन्द्र पटेल, सचिंद्र प्रजापति सम्मति हॉस्पिटल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम ने इनके कब्जे से 6 नकली और 2 असली रेमडेसीवर इंजेक्शन, 5 एंटीजन कोरोना रेेेेपिड टेस्ट किट, 3 डिस््पोजल सीरिंज, खाली स्टेलाइजर की छोटी शीशियां, 2.30 लाख रुपए बरामद   कर लिए। पूछताछ में पकड़े गए माफियाओं ने कई हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर सहित डॉक्टरों के नाम बताएं जो इंजेक्शन की इस काला बाजारी और आपदा को अवसर में बदलने के धंधे में कथित रूप से शामिल थे। पुलिस की टीम लगातार मामले में गहनता से पड़ताल कर रही है। इस मामले में फरार आरोपी राजेंद्र कुशवाहा निवासी पिछोर की तलाश की जा रही है। यह टीम जरूरत मंदो को 30 से 40 हजार रुपए में इंजेक्शन खपाते थे।

ऐसे देते थे काम को अंजाम : पकड़े गए स्टाफ नर्स ने पुलिस को बताया जब किसी गम्भीर मरीज के लिए इंजेक्शन आता था तो वह उसे इंजेक्शन नहीं लगाते थे और उसकी मौत का इंतजार करते थे। बाद में उस इंजेक्शन को वह दूसरे मरीज को ऊँचे दामों में बेचकर मुनाफा कमाते थे। इसी प्रकार एक मेडिकल स्टोर पर रेमडीसीविर की खाली शीशियों में दूसरी दवा भरकर रेमडीसीविर के नाम पर बेचते थे।