झांसी। दलहन पर लगाए गए स्टॉक लिमिट के विरोध में गल्ला व्यापारियों ने मंगलवार को विशिष्ट गल्ला मंडी बंद रखी और खाद्य मंत्री पियूष गोयल को संबोधित ज्ञापन मंडी सचिव पंकज शर्मा को सौंप कर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए स्टॉक लिमिट के फैसले को वापस लेने की मांग की।
इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि केंद्र सरकार व्यापारियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है। दलहन में प्रमुख रूप से चना, मटर एमएसपी से कम से कम 700 रुपये नीचे मंडियों में बिक रहा है। उड़द सीजन से 1000 रुपये कम बिक रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट लगाना तानाशाही है। व्यापारियों के साथ बेईमानी और मनमानी है। इस समय चने की भरपूर फसल मंडियों में आ रही है। किसानों को आय हो रही है और व्यापारी का व्यापार चल रहा है। उपभोक्ता को समर्थन मूल्य के 1200 रुपये क्विंटल कम कीमत पर दालें उपलब्ध हैं। जबकि, स्टॉक लिमिट तब लगा सकते हैं, जब एमएसपी से बाजार में दोगुने रेट पर वस्तु बिक रही हो। इसके विरोध में प्रदेश के साथ-साथ झांसी गल्ला मंडी भी बंद रखी गई। इस दौरान गल्ला व्यापार मंडल अध्यक्ष उमेश गुप्ता, हरभजन साहू, बालकिशन तौला, अशोक अग्रवाल, अतीत राय, सुबोध नाहर दीनदयाल चौधरी, राजेश अग्रवाल, बल्लूखेरा मौजूद रहे।

गल्ला मंडी बंद का समर्थन, स्टाॅक लिमिट हटाने की मांग

उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल की बैठक प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी की अध्यक्षता में हुई जिसमें संपूर्ण प्रदेश की गल्ला मंडी बंद का समर्थन कर सरकार से मांग की गई कि शासन द्वारा मंडी के व्यापारियों पर जो स्टॉक लिमिट लगाई गई है उसे अविलंब समाप्त किया जाए, कोरोना के बाद व्यापार की स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में व्यापारियों पर किसी भी तरह का प्रतिबंध व्यापारियों के लिए दुखदाई है
महानगर अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने कहा है कि वर्तमान समय में व्यापार बढ़ाने के लिए व्यापारियों पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए बरन व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार को चाहिए कि व्यापारियों को और अधिक छूट दे। बैठक में शालिग्राम राय, प्रदीप गुप्ता, मृत्युंजय तिवारी, प्रिंस भुसारी, बंटी वशिष्ठ, अजय चड्ढा, सोनू उपाध्याय, मंजू शर्मा, मनु सिंह, चौधरी साहिल, सरदार कृष्ण पाल, सिंह कृष्णा राय, नरेंद्र पटेल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए बैठक का संचालन युवा के जिला अध्यक्ष मनीष रावत ने एवं आभार नगर महामंत्री अंकुर बट्टा ने व्यक्त किया।