– मिथ्या साक्ष्य देने पर चलेगा मुकदमा

झांसी। चरित्र पर संदेह में पत्नी पर जानलेवा हमले एवं महज डेढ़ वर्ष की मासूम बेटी की निर्मम तरीके से हत्या का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश (अत्याचार निवारण) अधिनियम इन्दु द्विवेदी की अदालत में हत्यारोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
विशेष लोक अभियोजक कपिल करौलिया व केशवेन्द प्रताप सिंह के अनुसार थाना पूंछ क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला निवासी संध्या ने तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी शादी बृजेन्द्र उर्फ मुक्की पुत्र मानसिंह के साथ हुयी थी। पति चरित्र पर शक करता था। इसी बात को लेकर १० मार्च २०१७ को रात में बृजेन्द्र उर्फ मुक्की ने बेडरूम मे जान से मारने की नियत से ३१५बोर की देशी बन्दूक से उसके सिर पर गोली मार दी। वह किसी तरह अपनी जान बचाकर भागी तो पति ने करीब १४ माह की पुत्री सौम्या को बरामदे मे लगे हैण्डपम्प के पास पानी से भरी बाल्टी में डुबोकर हत्या कर अन्दर से किवाड़ बंद कर लिए। तहरीर के आधार पर धारा ३०२, ३०७ भा. द. सं.के तहत थाना पूंछ में मुकदमा पंजीकृत कराया गया।
दौरान विवेचना अभियुक्त बृजेन्द्र यादव मुक्की को १२ मार्च १७ को सुबह हाइवे से अमरौख जाने वाले रास्ते पर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि पत्नी संध्या का चरित्र ठीक नहीं था। इस कारण मैने उसे गोली मारी तथा अपनी लडकी सौम्या उम्र डेढ़ वर्ष को बाल्टी के पानी मे डुबो कर मार दिया था। उक्त मामले में मंगलवार को न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कहा गया कि अभियुक्त ने एक व्यक्ति को जान से मारने का प्रयास किया एवं एक छोटी सी अबोध बच्ची की निर्मम तरीके से हत्या की। उसे अधिक से अधिक दण्ड से दण्डित किया जाये।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर, प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त बृजेन्द्र उर्फ मुक्की को धारा ३०२,३०७ भा.द.सं. एवं धारा ३/२५ शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए धारा ३०२ भा.द.सं. के अन्तर्गत आजीवन कारावास व पच्चीस हजार रूपये के अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर उसकी सम्पत्ति से वसूल किये जाने, ३०७ भा.द.सं. के अन्तर्गत दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास , धारा ३/२५ शस्त्र अधिनियम के अन्तर्गत ढाई वर्ष के सश्रम,कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड , अदा न करने पर अभियुक्त को ०६माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।

मिथ्या साक्ष्य देने पर चलेगा मुकदमा इस प्रकरण में साक्षीगण संध्या, पुष्पेन्द्र, सतीचरन व सुरेशचन्द्र द्वारा न्यायालय के समक्ष मिथ्या साक्ष्य दिये जाने पर उनके खिलाफ धारा ३४४ द.प्र.सं. का प्रकीर्ण वाद दर्ज करके अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।