झाँसी मंडल सौर उर्जा हेतु निरंतर प्रयासरत

झाँसी। गैर परम्परागत ऊर्जा श्रोतों के उपयोग एवं परिस्थिति की संतुलन की संकल्पना को साकार करने के लिए झाँसी मंडल में अग्रणी भूमिका निभाते हुये सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है। अभी तक झांसी मण्डल में 1.205 मेगा वाट पीक का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। जिसे बाहय स्रोतों द्वारा 1.205 मेगावाट पीक क्षमता का सौर उर्जा संयंत्र पी०पी०पी० मोड़ में स्थापित किया गया है। जिसको स्थापित एवं अनुरक्षण करने में रेल राजस्व का कोई व्यय नहीं हो रहा है।

सौर ऊर्जा से निमित बिजली के उत्पादन में सर्वाधिक योगदान मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में विभिन्न लोकेशन पर लगे सोलर पैनलों की क्षमता 220 किलो वाट है,  जिसके माध्यम से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में हो रहे बिजली व्यय में गिरावट देखी  जा रही है I मंडल रेल चिकित्सालय में संस्थापित सोलर पैनल्स की बिजली उत्पादन क्षमता 55.44 किलो वाट तथा इलेक्ट्रिक लोको शेड में संस्थापित पैनल्स की क्षमता 55.50 किलोवाट  है I इसके अतिरिक्त मंडल के स्टेशनों पर संस्थापित पैनल्स की क्षमता में ग्वालियर 35.2 किलोवाट, डबरा 24.96 किलोवाट, मुरैना 19.86 किलोवाट, दतिया 10.08 किलोवाट, टीकमगढ़ 24.96 किलोवाट ,खजुराहो 43.9 किलोवाट, छतरपुर 49.92 किलोवाट, सरकनपुर 24.96 किलोवाट एवं बिरलानगर 35.2 किलोवाट है I

इसके उपयोग से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12.24 लाख यूनिट हरित उर्जा उत्पन्न हुई है परिणाम स्वरूप लगभग रू.36.92 लाख रेल राजस्व की बचत हुई है। उक्त संयंत्र से उत्पन्न होने वाले हरित उर्जा के कारण पर्यावरण से लगभग 0.98 किलोटन कार्बन उत्सर्जन का ह्रास हुआ है । इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5.2 लाख यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न हुई है परिणाम स्वरूप लगभग रू.15.68 लाख रेल राजस्व की बचत हुई एवं पर्यावरण से लगभग 0.41 किलोटन कार्बन उत्सर्जन का ह्रास हुआ है I झांसी मण्डल के कुल नान-ट्रैक्शन विद्युत् खपत का लगभग 5% सौर ऊर्जा द्वारा पूर्ण किया जा रहा है।