– बुन्देली शैली के चित्रों को प्राथमिकता

झाँसी। मंडलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय के निर्देशन में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के कला एवं संस्कृति के विकास के लिए गठित कला संस्कृति समिति द्वारा 24-26 अगस्त को तीन दिवसीय बुन्देली कला प्रदर्शनी का आयोजन राजकीय संग्रहालय में किया जाएगा। कला प्रदर्शनी के लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोक चित्रकारों एवं बुन्देली शैली में कार्य करने वाले चित्रकारों की कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। कला प्रदर्शनी को ‘पहल’ नाम दिया गया है।

प्रदर्शनी की संयोजक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि पहल का पूरा नाम- परम्परा, हुनर और लोककला है। इस कला प्रदर्शनी का उद्देश्य बुन्देलखंड क्षेत्र की लोककला को आम जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करना, लोककला का प्रोन्नयन करना तथा कलाकारों को एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को अपनी लोककला से परिचित करवाने तथा उसके प्रति रूचि उत्पन्न कराने का प्रयास किया जाएगा।डॉ. पाण्डेय ने बताया कि इच्छुक चित्रकारों को 18 अगस्त तक पंजीयन कराना आवश्यक है। इसके लिए ललितकला संस्थान, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी में डॉ. श्वेता पाण्डेय- 9935032832, डॉ. उमेश कुमार- 8127529762 एवं बुन्देली नाट्य कला समिति  में डॉ. कृपान्शु द्विवेदी – 9503016967 से संपर्क किया जा सकता है। चित्रकारों को अपनी कृति को फ्रेम करवा कर ही देना होगा। इसके साथ ही साथ पंजीयन के समय उन्हें अपनी कृति को पंजीयन नोडल केन्द्र पर जमा कराना आवश्यक है। प्रति चित्रकार 2 कृतियों का चयन किया जाएगा जिन्हें निर्धारित तिथि 24-26 अगस्त को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें कुल 100 चित्रकारों की कृतियों को ही शामिल किया जाएगा तथा इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कलाकारों का चयन किया जाएगा। प्रदर्शित कृतियों को राजकीय कार्यालयों के लिए क्रय की योजना भी निर्धारित की गयी है। कृतियों को बुन्देली शैली में होना अनिवार्य है। बुन्देली के इतर किसी भी शैली में निर्मित कृति को प्रदर्शनी के लिए चयनित नहीं किया जाएगा।