– ‘आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद’ कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह के 7500 सदस्यों को बीज के लिए पीएमएफएमई योजना के तहत 25 करोड रुपए जारी

– स्वयं सहायता समूह को अब 20 लाख रुपए तक का मिलेगा ऋण, पहले 10 लाख थी सीमा

झांसी।’आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद’ कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों से बातचीत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल संवाद कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के दीनदयाल सभागार में आयोजित हुआ। इसमें रोजगार सृजन के मामले में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाएं व स्वरोजगार से जुड़ी बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों की महिलाएं उपस्थित रहीं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने दुग्ध उत्पादक संस्था बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की डायरेक्टर उमा कांति पाल से कंपनी के कामकाज को लेकर बातचीत की और उनके अनुभव पूछे। हमीरपुर जिले की उमा कांति पाल ने बताया कि बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से वर्तमान में 25 हजार महिलाएं जुड़ी हैं और इस समय 5 जिलों में यह कंपनी काम कर रही है। कंपनी में प्रतिदिन 70 हजार लीटर दूध एकत्रित होता है। इससे 110 करोड़ का कारोबार और 100 करोड़ का भुगतान महिलाओं को हुआ है। कंपनी को 3 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। पीएम मोदी ने जब उमा कांति पाल से पूछा कि इस पूरे काम मे सरकार से कितनी मदद मिली। इस पर उमा ने बताया कि कंपनी गठन के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और आजीविका मिशन के तहत उन्हें सहायता और प्रशिक्षण दिया गया। पीएम मोदी ने जब पूछा कि दूध की गुणवत्ता किस तरह जांची जाती है। इस पर उमा ने बताया कि हर गांव में मशीन लगी है, जिससे दूध की गुणवत्ता नापी जाती है। प्रधानमंत्री ने उमा कांति पाल से बालिनी कंपनी से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को होने वाले भुगतान के तौर-तरीके के बारे में पूछा। पीएम मोदी ने कहा कि यदि उनका समूह गुजरात में अमूल डेरी का कामकाज देखने के लिए टूर पर जाना चाहता है तो वे उनकी व्यवस्था करा देंगे। पीएम मोदी ने सलाह दी कि पशुपालन करने वाली महिलाओं को पशुओं में होने वाली बीमारियों और देखरेख के बारे में जानकारी दें, शहद उत्पादन के काम से भी जोड़ने की कोशिश करें इससे महिलाओ की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। पीएम ने पूछा कि क्या यह काम कर सकेंगी। इस पर उमा ने कहा कि सभी बहनें इसके लिए तैयार हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 4 लाख स्वयं सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की सहायता राशि और पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) के तहत आने वाले 7,500 स्वयं सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि भी जारी की। पीएमएफएमई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन के तहत आने वाले 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को 4.13 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की.। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश भर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और 3 गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह और दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण भारत में नई क्रांति ला रही है और यह स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों से संभव हुआ है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 7 सालों में स्वयं सहायता समूहों ने ऋण वापसी को लेकर बहुत अच्छा काम किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए अब उन्हें 20 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले यह राशि 10 लाख रुपये थी, जो अब दोगुनी कर दी गई है.पीएम मोदी ने कहा कि आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं. घर, शौचालय, बिजली, पानी, जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है. बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।

इस दौरान स्वयं सहायता समूह के 7500 सदस्यों को बीज के लिए पीएमएफएमई योजना के तहत 25 करोड रुपए जारी कर दिए गए। बताया गया कि स्वयं सहायता समूह को अब 20 लाख रुपए तक का मिलेगा ऋण, पहले 10 लाख थी सीमा।