– कृषि विभाग में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर, प्रमाण कमिश्नर को सौंपे जाएंगे
– बुंदेलखंड में किसानों की जर्जर स्थिति और भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा 
झांसी। योगी राज में आरटीआई से मिली जानकारी आश्चर्यजनक के साथ ही झांसी कृषि विभाग में व्याप्त लाखों रुपए के भ्रष्टाचार की कलई तो खोलता ही है साथ ही अधिकारियों की इस पर चुप्पी प्रश्न खड़े करती है। वर्ष 2019-20 में उप कृषि निदेशक प्रसार के कार्यालय से 20 लाख रुपए के डोसा कानपुर के बाबा अम्बि डोसे वाला से मंगा कर किसानों को खिला दिए तथा इसी वर्ष दयाराम प्रजापति स्वीट मेकर से 5 लाख रुपए का मीठा किसानों को खिला दिया जबकि पूरे जनपद में ढूंढने पर एक भी किसान ऐसा नहीं मिला जिसने डोसा व मिष्ठान का स्वाद चखा हो।
 दरअसल, किसान रक्षा पार्टी ने पहले वन विभाग फिर सिंचाई विभाग और आज कृषि विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को सबूतों और प्रपत्रों सहित उजागर कर पोल खोली। पूर्व में वन विभाग एवं सिंचाई विभाग का जो भ्रष्टाचार उजागर किया था उसके सारे सबूत व प्रपत्र उच्च स्तरीय जांच हेतु मंडल आयुक्त को 24 अगस्त 2021 को सौंप दिए गए हैं | इसके अलावा अब कृषि विभाग के भ्रष्टाचार के खुलासा का नंबर है ‌
मीडिया को जानकारी देते हुए किसान नेता गौरीशंकर विदुआ व मुदित चिरवारिया ने बताया कि कृषि विभाग की दो इकाइयां राष्ट्रीय जलागम झांसी, राष्ट्रीय जलागम चिरगांव जन सूचना अधिकार कानून के तहत प्राप्त सूचनाओं के आधार पर जो जानकारी मिली उसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों में गंभीर अनियमितताएं पाई गयी | जिसमें मुख्य रुप से दर्शाए गए वाहनों में कार्य के लिए लगाई गई लेबर में दर्शाई गई लेबर के जो नाम सामने आए है वे संभ्रांत नागरिक एवं बड़े काश्तकार हैं। इनके परिवार में कभी किसी ने मजदूरी नहीं की है तथा पक्के कार्य के लिए खरीदे गए बोल्डर, गिट्टी, सीमेंट, बालू आदि के बिल वाउचर में जमकर धांधली हुई है। इसकी पुष्टि हेतु किसान नेता ने प्रपत्र भी जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में उप कृषि निदेशक प्रसार के कार्यालय से 20 लाख रुपए के  डोसा कानपुर के बाबा अम्बि डोसे वाला से मंगा कर किसानों को खिला दिए तथा इसी वर्ष दयाराम प्रजापति स्वीट मेकर से 5 लाख  रुपए का मीठा किसानों को खिला दिया जबकि पूरे जनपद में ढूंढने पर एक भी किसान ऐसा नहीं मिला जिसको गोष्टी एवं कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसी भी कार्यक्रम में डोसा या मिठाई खिलाई गई हो। उप कृषि निदेशक प्रसार के  कार्यालय के द्वारा तीन प्राइवेट फॉर्म व तीन एनजीओ को लगभग 92 लाख का किया गया भुगतान विशेष संदिग्ध है। जन सूचना के तहत उक्त धन के बिल वाउचर तो मांगे गए लेकिन अभी तक विभाग द्वारा दिए नहीं गए कि विभाग द्वारा सरकारी धन को अपने ही कार्यालय के कर्मचारियों के खातों में जो भुगतान किया गया वह संदिग्ध है।
उन्होंने बताया कि किसानों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा दिए गए धन की सामूहिक लूटपाट का उदाहरण शायद ही कहीं और देखने को मिले। यदि किसानों के लिए आया पैसा किसानों को मिलने लगे तो बुंदेलखंड से भुखमरी पलायन एवं आत्म हत्याओं का दौर खत्म हो जाए। उन्होंने बताया कि जन सूचना द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को सभी किसान उच्च स्तरीय जांच हेतु मंडलायुक्त को 1 सितम्बर को सौंपेंगे ताकि भ्रष्टाचार का खुलासा हो और भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगाया जा सके। इस अवसर पर जगदीश सिंह, जय सिंह ,पवन तिवारी ,श्यामसुंदर तिवारी ,अमर सिंह ,पप्पू पाल पुखन्न ,लालकुमार, राजाबेटी रजिया राजकुमारी हरिदास पाल प्रसादी पाल आदि महिला किसान सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।