– साहित्यकारों की अप्रकाशित रचनाओं का होगा प्रकाशन- मण्डलायुक्त
– बुंदेली प्रकाशित साहित्य की बनेगी अलग लाइब्रेरी
झांसी। कमिश्नरी सभागार में साहित्य विंग की बैठक में मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि बुन्देलखण्ड के साहित्य व साहित्यकारों को राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर वह स्थान नहीं मिला है, जो उन्हें मिलना चाहिए था। ‘बुन्देलखण्ड की साहित्यक परंपरा को एक संवेद मंच व दिशा दिये जाने का कार्य यहाँ के स्थानीय साहित्यकारों के साथ मिलकर किया जा रहा है’। कोशिश यह है कि राष्ट्रीय मानचित्र पर बुन्देलखण्ड का साहित्य व साहित्यकार अपना स्थान बना सके।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बुंदेलखंड के साहित्यकारों की प्रकाशित व अप्रकाशित कृतियों की श्रृंखलाबद्ध प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा जिसमें कोई भी साहित्यकार अपनी समस्त रचनाओं के साथ उस प्रदर्शनी में भाग लेंगे। जो साहित्यकार अब नहीं हैं उनके परिजन, प्रशंसक व संस्थाएं उन साहित्यकारों पर केंद्रित प्रदर्शनी का आयोजन करेंगी। प्रशासन की ओर से उन्हें समुचित सहयोग प्रदान किया जाएगा, इस हेतु अटल एकता पार्क में स्थापित की जा रही लाइब्रेरी में श्रृंखलाबद्ध प्रदर्शनी का आयोजन होगा।
अब तक प्रकाशित साहित्य/पुस्तकों को संरक्षित/एकत्र करके एक लाइब्रेरी की स्थापना की जाये, जिसमें समस्त साहित्य को एक स्थान पर उपलब्ध कराया जा सके। इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड के बाहर के लोगों ने जो बुन्देलखण्ड पर काम किया है उसे भी संकलित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो साहित्य अब तक अप्रकाशित है उसके प्रकाशन और युवा साहित्यकारों को मार्ग दर्शन के लिए अवसर की व्यवस्था की जा रही है। झाँसी मण्डल के समस्त साहित्यकारों की एक डायरेक्टरी तैयार की जा रही है जिसका शीघ्र ही प्रकाशन होगा।
मण्डलायुक्त ने कहा कि यद्यपि साहित्य किसी मानकीकरण का मोहताज नहीं होता है, परन्तु नवोदित रचनाकारों को मार्गदर्शन दिये जाने के उद्देश्य से मानकीकरण की दिशा में भी काम किया जा रहा है, इसके लिए ख्यातिलब्ध साहित्यकार रमेश के. श्रीवास्तव द्वारा सत्रों का आयोजन होगा। बैठक में साहित्य समिति की गतिविधियों की कार्यप्रगति बी.यू. के डा. पुनीत बिसारिया ने प्रस्तुत की। संचालन मण्डलीय परियोजना प्रबंधक एन.एच.एम. आनन्द चौबे ने किया।
बैठक में जेडीसी मिथलेश सचान, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी राजेश प्रकाश, रजिस्ट्रार चिटस फण्ड एंड सोसाइटी आनन्द सिंह, शिक्षा विभाग के डॉ अनिरुद्ध रावत सहित झाँसी क्षेत्र के जाने माने साहित्यकारों में राजकुमार अंजुम, डॉ रामशंकर भारती, पन्नालाल असर, डॉ नीति शास्त्री सहित प्रमुख साहित्यकार उपस्थित रहे।
ये कार्य होंगे —
1. बुंदेली साहित्य की प्रदर्शनियों की श्रृंखला आयोजित होगी।
2. बुंदेलखंड के अप्रकाशित साहित्य का होगा प्रकाशन।
3. नवोदित रचनाकारों को विधाओं और शैलियों के बारे में दी जाएगी गहन जानकारी।
4. साहित्य के शोध, संकलन एवं अन्वेषण के लिए बनेंगे अलग-अलग समितियां।
5. अब तक प्रकाशित हो चुके साहित्य को प्रदर्शित किया जायेगा।
6. बुंदेलखंड की साहित्यिक कृतियों की अलग लाइब्रेरी होगी।