झांसी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्ट्राइड (स्कीम फॉर ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडिआस डेवलपिंग इकॉनमी) कॉम्पोनेन्ट एक के तहत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त परियोजना के अंतर्गत टीचिंग, एग्जामिनेशन एंड रिसर्च एथिक्स विषय पर आयोजित कराये जा रहे सात दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारम्भ रविवार को विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. शिव कुमार की अध्यक्षता में प्रो. अविनाश चंद्र पांडेय बू.वि. वि. के पूर्व कुलपति एवं निदेशक अंतर विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र, नई दिल्ली के टीचिंग एथिक्स एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मल्टिपल एग्जिट एंड एंट्री ऑप्शन्स के महत्व पर किया गया I

ज्ञातव्य है कि ३ से ९ अक्टूबर तक चलने वाले उक्त सात दिवसीय कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के सन्दर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मल्टिपल एग्जिट एंड एंट्री ऑप्शन्स, परीक्षा, मूल्याङ्कन एवं शिक्षण  के उसूल, उत्कृष्ट शिक्षण के आधार, शिक्षण के नए माध्यम, प्रोजेक्ट एवं पेपर राइटिंग आदि पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये जायेंगे। शुरुआती सत्र में स्ट्राइड कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. लवकुश द्विवेदी द्वारा कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की गयी, तत्पश्चात स्ट्राइड कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एम्.एम्. सिंह द्वारा सभी प्रतिभगियों, प्रमुख वक्ता आदि का स्वागत किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रति कुलपति प्रो. कटियार द्वारा टीचिंग एवं शोध में एथिक्स की आवश्यकता पर बल दिया गया साथ ही छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षकों को एक आदर्श स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रो. अविनाश चंद्र पांडेय द्वारा एथिक्स, गुडनेस, बैडनेस, क्या वैज्ञानिक शोध और क्यों करने चाहिए आदि पर अपने व्याख्यान के दौरान बल दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को सेल्फ मोटिवेटेड एंटिटी के रूप में खुद को विकसित करना चाहिए क्योंकि छात्र एक उत्कृष्ट शिक्षक को अपने में आत्मसात करते हैं। पूरे कार्यक्रम में आगे के सत्र में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे वी वैशम्पायन, लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व  कुलपति प्रो. यू. एन. द्विवेदी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के प्रो. आनंद कर, भारतीय औषधि विज्ञान शोध संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक प्रो. आदित्य भूषण पंत, केंद्रीय औषधि अनुसन्धान केंद्र के पूर्व उपनिदेशक प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव एवं मिजोरम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रामबीर सिंह द्वारा व्याख्यान दिए जायेंगे।

ज्ञातव्य है कि उक्त फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में बू.वि.वि., कानपुर विश्वविद्यालय, एमिटी यूनिवर्सिटी जयपुर, लखनऊ, हरियाणा, सतना, जबलपुर, इंदौर ग़ाज़ियाबाद, गुडगाँव, गोवा, जम्मू, पंजाब, उत्तराखंड केरला सहित देश के विभिन्न संस्थानों से कुल 50 से अधिक शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान कोर समिति के सदस्य पर. रामबीर सिंह, डॉ. नीता यादव, डॉ. प्रकाश चंद्र, डॉ. राजेश पांडेय, श्री रोहित पियरडन आदि मौजूद रहे I मानव संसाधन एवं कौशल विकास के उद्देश्य के साथ शुरू किये गए इस त्रिवर्षीय परियोजना में लगभग 200 शिक्षकों, विद्यार्थियों, तथा शोधार्थियों को चार चरणों में प्रशिक्षण के माध्यम से, उत्तम शोध कार्य हेतु सक्षम बनाने की योजना है I