निर्ममता से दो पार्ट में ठूंस कर भरी थी भैंसें, एक के ऊपर एक गिरने और दम घुटने से हुई मौत

झांसी। झांसी-शिवपुरी हाई-वे पर झांसी जनपद में रक्सा थाना क्षेत्र अंतर्गत सिजवाहा तिराहे के निकट 29 नवंबर को 52 भैंसों से भरा कंटेनर सड़क किनारे बने बाड़े में घुस गया। इससे कंटेनर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें भरी 52 में से 27 भैंसों की मौके पर मौत हो गई जबकि अन्य गंभीर रुप से घायल हैं। पुलिस ने कंटेनर सवार दो लोगों को मौके पर पकड़ लिया जबकि ड्राइवर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस व्यापारी का पता लगाने में जुटी है।
बताया गया है कि भैंसों से लदा एक कंटेनर सागर से कानपुर जा रहा था। सुबह करीब पांच बजे कंटेनर सिजवाहा तिराहा के पास से तेज रफ्तार से निकल रहा था तभी चालक कंटेनर को नियंत्रित नहीं कर सका और वह सड़क के किनारे नवीन मल्होत्रा के मकान से पहले बने बाड़े की दीवार तोड़ता हुआ भीतर जा घुसा। हादसे की तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग भी आ जुटे। थोड़ी देर में रक्सा पुलिस भी पहुंच गई।

यह संयोग रहा कि बाड़ा खाली होने से कोई नुकसान नहीं हुआ किन्तु जब कंटेनर खुलवाया गया तब अंदर दो पार्ट में ऊपर एवं नीचे ठूंस-ठूंसकर भैंसें भरी दिखाई दी।कंटेनर के भीतर भैसों को बुरी तरह ठूंसकर भरा गया था। सभी भैसों के पांव रस्सी से बंधे थे। कंटेनर के अंदर ऊपर-नीचे बने दो ब्लॉक में इनको रखा गया था। नीचे ब्लॉक में करीब 32 भैंस थी जबकि ऊपर 20 भैंस रखी गई थीं। हादसा होते ही जोरदार झटका लगने से ऊपरी हिस्सा अचानक टूटकर नीचे गिर गया। ऊपर रखी गई भैंस नीचे बंधी भैंसोें पर गिर पड़ी। इसी हालत में वह सभी कई घंटे पड़ी रहीं।

पुलिस ने भैंसों को कंटेनर से निकालने की कवायद शुरू कर दी। इसके लिए बड़ी क्रेन की मदद ली गई। क्रेन से काफी मशक्कत के बाद अंदर से भैसों को बाहर निकाला गया। इसमें 27 भैंस मरी हुई जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल निकलीं। मृत भैंसों का मौके पर पशु चिकित्सालय के चार डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया।       पुलिस ने कंटेनर सवार दो युवकों को हिरासत में ले लिया जबकि ड्राइवर पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया। प्रभारी निरीक्षक रामप्रकाश के मुताबिक पूछताछ की जा रही है। व्यापारी का भी पता जुटाया जा रहा है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक अत्याधिक वजन एवं कई घंटे तक इसी अवस्था में पड़े रहने से अधिकांश भैंसों का दम घुटने से मौत हो गई। जिन भैसों को बाहर निकाला गया, उनकी हालत भी अच्छी नहीं है।

जानवरों को खिलाया गया था नशीला पदार्थ
दुर्घटना के करीब एक घंटे बाद कंटेनर खुलवाया जा सका लेकिन, अंदर बंद होने के बावजूद जानवर कोई आवाज नहीं निकाल रहे थे। चिकित्सकों को आशंका है कि इतनी दूर के सफर में जानवर कोई परेशानी न पैदा करें इसके लिए उनको कोई नशीला पदार्थ खिलाया गया था। घायल होने के बाद भी जानवर कोई हरकत नहीं कर रहे थे।