– परिवार ने कहा – दो लाख रुपए नहीं दिए तो नौकरी ब्रेक की

झांसी। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर में उस समय मजमा लग गया जब वरिष्ठ मण्डल विद्युत इंजीनियर / परिचालन पर झांसी मण्डल में कू नियंत्रक के पद पर कार्यरत हुकुम चन्द्र कनौजिया ने गम्भीर आरोप लगाते हुए पुलिस को बुला लिया। हुकुम चन्द्र वहां अपनी पत्नी व बच्चे के साथ पहुंचा था।

इस दौरान मीडिया से रू-ब-रू होते हुए हुकुम की पत्नी ने बताया कि उसका पति झाँसी मंडल में क्रू नियंत्रक के पद पर कार्यरत है । हुकुम चन्द्र का 2017 मार्च को हार्ट का आपरेशन हो चुका है एवं हाई डायविटिज ( सुगर ) की बीमारी ( With Insuline ) के साथ साथ गैस, घुटने के दर्द , बवासीर एवं सिड्रोम ( बार – बार ) पोटी आने की बीमारी से पीडित है । जो रेलवे के रिकार्ड में रिकॉडेड है । मार्च 2020 में उसके पति का बिना किसी आधार के नाइट डयूटी लगायी गई । इस दौरान उसके पति दवाई खाकर चक्कर आने के कारण आराम कुर्सी पर लेटे हुये थे। इस पर उसको अधिकारी द्वारा चार्जशीट ( SF – 5 ) जारी की गई। उसने आरोप लगाया कि चार्जशीट के नौकरी जाने का भय दिखाकर तीन लाख रुपये की मांग मेरे पति से की गई । जो उसने गहने गिरवी रख कर दिये । 10-15 दिनों के बाद दो लाख रुपए और देने की मांग की जाने लगी। दो लाख रुपये और न देने के कारण उसके पति को दण्ड के स्वरूप में 99800 बेसिक को 81,200 कर दिया गया । यानि मेरे पति की 9 साल की नौकरी ब्रेक कर दी गयी तथा बिना किसी आधार के झॉसी से बांदा स्थानान्तरण जून में प्रशासनिक हित में कर दिया गया । जिसकी शिकायत 21 दिसंबर को महाप्रबन्धक इलाहाबाद एवं रेलवे बोर्ड से की गई थी ।

उन्होंने बताया कि आज उसके पति को आफिस बुलाया गया था। वहां उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इस पर उन्होंने पुलिस को बुला लिया। सूचना मिलने पर आरपीएफ भी पहुंच गई और मामले को रफा-दफा कर दिया गया। उन्होंने न्याय नहीं मिलने पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी।