झांसी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि झांसी जिले की चारों विधानसभा सीटों पर मतदाताओं ने जिन प्रत्याशियों को पसंद किया उन्हें बंपर वोट देकर विजयी बनाया और जिनको नापसंद किया है उनकी जमानत भी नहीं बचने दी।

जिला झांसी में कुल 45 प्रत्याशी मैदान में थे। आंकड़ों से स्थिति साफ हो गई कि इनमें से 34 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। झांसी सदर सीट से सिर्फ भाजपा व सपा के प्रत्याशी की ही जमानत बची है, बाकी कांग्रेसी व बसपा सहित अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके। मऊरानीपुर सीट से भाजपा, बसपा और सपा के प्रत्याशी ही जमानत बचा पाए हैं। गरौठा से भी भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशियों की जमानत बच सकी है. मऊरानीपुर में भी अपना दल (एस), सपा और बसपा को छोड़ बाकी सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सका।

जमानत जब्त होने का मतलब – दरअसल प्रत्याशी को नामांकन के वक्त एक तय राशि जमा करनी होती है। चुनाव आयोग के मुताबिक, जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है। इसके अलावा अगर कोई उम्मीदवार अपना नामांकन वापिस ले लेता है या मतदान से पहले किसी प्रत्याशी की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में भी उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है।