झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित पुरातन छात्र सम्मेलन में विभाग की समन्वयक प्रोफेसर पूनम पुरी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा की पुरातन छात्र सम्मेलन हमें अवसर प्रदान करता है कि हमने समाज को क्या दिया। जिस प्रकार नर्सरी में पौधों की अच्छी देखरेख होने के बाद वे समाज को फल और छाया प्रदान करते हैं। उसी प्रकार विश्वविद्यालय से पोषित एवं शिक्षित छात्र समाज में अच्छे नागरिक बन राष्ट्र निर्माण में सहगामी होते हैं। सह समन्वयक डॉ अर्चना वर्मा ने कहा कि एक शिक्षक और छात्रों के बीच में परस्पर सामंजस्य का परिणाम है कि एक ही अनुरोध पर 1993 से 2016 तक के छात्र आज पुरातन सम्मेलन में सहभाग कर रहे हैं। यूएसए में ग्लोबल चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर लायक अहमद ने कहा की प्रबंधन में वैश्विक स्तर पर अपार संभावनाएं हैं। डोमिनियन एनर्जी यूएसए में कार्यरत साकेत श्रीवास्तव ने वर्तमान छात्रों को सलाह देते हुए कहा के अध्ययन के समय हमें एकाग्र चित्त होकर विषय को समझने एवं लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिए। सफलता निश्चित प्राप्त होगी। झांसी में टाइम्स ऑफ इंडिया में कार्यरत अरिंदम घोष ने भी अपने अनुभव साझा किए। संचालन आयोजन सचिव डॉ शिप्रा सक्सेना ने एवं आभार डॉ अमरजोत वर्मा ने दिया। सम्मेलन में पुरातन छात्र अर्चना, अनुराग सिंह, अरुणेंद्र सोनी, विनय लिटोरिया, प्रतिमा डायपुरिया हरीश आनंद, रुचि पालीवाल, विकास त्रिपाठी, संदीप सक्सेना, अखिल कुमार श्रीवास्तव, आयुषी बधावा, श्रुति सक्सैना, सुमित श्रीवास्तव एवं अमूल्य राय के साथ छात्र छात्राओं ने सहभागिता की। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ कमल भाटिया, अभिनव श्रीवास्तव, डॉ एकता भाटिया, आकाश सक्सेना, शैली गोयल उपस्थित रहे।
मेजर ध्यानचंद शारीरिक शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित पुरातन छात्र सम्मेलन में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ उपेंद्र सिंह तोमर ने समन्वयक विश्वविद्यालय पुरातन छात्र प्रोफेसर प्रतिक वालों का स्वागत किया। प्रशिक्षण प्रतीक वालों ने सुझाव दिया कि विभाग एलुमनाई एसोसिएशन का रिकॉर्ड बनाए जिससे पढ़ रहे छात्रों को प्लेसमेंट एवं ट्रेनिंग में सहायता प्रदान की जा सके। विभाग के समन्वयक डॉ स्वप्ना सक्सेना ने कला संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर सीबी सिंह का स्वागत किया। प्रोफेसर सीबी सिंह ने कहा कि आजकल डिस्टल का जमाना है ऐसे में विभागीय ऑनलाइन पोर्टल बनाएं जिसमें पुरातन छात्रों की जानकारी मिल सके। संचालन डॉ रूपम सक्सेना एवं डॉ राजीव बबेले ने संयुक्त रूप से किया। पुरातन छात्रों में डॉ लोकेंद्र सिंह, डॉ कमल यादव, डॉ श्वेता श्रीवास्तव, शिवानी, नेहा खरे, रामनरेश, डॉ विजय पाल, राकेश, रामरतन, राधेश्याम, रंजना, अरविंद राहुल आदि ने सहभागिता की। पुरातन छात्रों ने खेलों में कीर्तिमान स्थापित करने एवं शैक्षणिक उपलब्धियों को हासिल करने में वर्तमान छात्र को सुझाव दिए। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक कन्हैया लाल सोनकर, अमित श्रीवास्तव, ज्ञान प्रकाश अड़जरिया, डॉ गिरजा सिंह, डॉ कृष्णा पांडे, अरशद अहमद, कुंदेश्वर उपस्थित रहे।
इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल साइंस के समन्वयक श्री बलबीर सिंह, द्वारा स्वागत उपरांत विभाग का एक वीडियो प्रस्तुत कर कार्यक्रम की रूपरेखा, उद्देश्य, उपयोगिता और विभाग की उन्नति के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने सभी पुरातन छात्रों को विभाग के छात्रों के लिए रोजगार अवसर व कैरियर में अपने अनुभव और संस्था में रोजगार प्राप्त करने के लिए मदद करने का आह्वान किया। सम्मेलन में देश के विभिन्न उच्चशिक्षण व शोध संस्थान और विदेशों में ऊंचे पदों पर कार्यरत बायोमेडिकल साइंस विभाग के पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव व सुझाव साझा किए. इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ. नवीन ढींगरा, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. सुमन कुमार, डॉ. पल्लभ भट्टाचार्य, डॉ. विभा रानी एवं अन्य पुरातन छात्र छात्रों ने प्रतिभाग किया ।संचालन श्री विज्ञान सिंह एवं आभार डॉ दिलीप शर्मा ने किया।
जैव प्रौद्योगिकी अभियांत्रिकी संस्थान के पुरातन छात्र सम्मेलन की शुरुआत संकायाध्यक्ष प्रो एमएम सिंह पुरातन छात्रों से विभाग के वर्तमान छात्र छात्राओं को रोजगार दिलवाने में एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा में प्रवेश के साथ ही स्कॉलरशिप दिलवाने में मदद करने का आग्रह किया. पुरातन छात्र सम्मेलन में कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोप, न्यूजीलैंड इत्यादि देशों से लगभग 100 से अधिक पुरातन छात्रों ने सहभागिता की. विभाग के छात्र कई विश्व स्तरीय कंपनियों जैसे कि बायोकॉन, सिंजीन, फाइजर, पेनेशिया, इंटास फार्मा, सन फार्मा इत्यादि कंपनियों में भारत एवं भारत के बाहर नौकरियां कर रहे हैं. बीस से ऊपर ऐसे पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव शेयर किए जो कि एचआर और रिक्रूटर के पद पर कार्यरत है. उन्होंने वर्तमान छात्रों को रिज्यूम को इंप्रूव करने के लिए टर्मिनोलॉजी एवं उसकी बारीकियों को समझाया. विभाग के समन्वयक इंजीनियर दिनेश द्विवेदी ने कार्यक्रम के उपरांत सभी का आभार व्यक्त किया. पुरातन छात्र सम्मेलन समन्वयक डॉ बृजेंद्र कश्यप ने आवाहन किया कि सभी पुरातन छात्र विभाग के संपर्क में रहें एवं विभाग की उन्नति में सहयोग दे. इस दौरान विभाग के शिक्षक इंजीनियर बृजेंद्र शुक्ल, इंजीनियर महेंद्र प्रताप सिंह, डॉक्टर आनंद पांडे, इंजीनियर मुकुल सक्सेना तथा सुनील कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे.
बायोटेक्नोलॉजी विभाग के समन्यवक डॉ सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने कुलपति प्रो मुकेश कुमार पाण्डेय के दिशा निर्देशन, प्रो आर० के० सैनी, संकायाध्यक्ष और प्रो. प्रतीक अग्रवाल, समन्यवक पुरातन छात्र प्रकोष्ठ का स्वागत करते हुए कहा की विभाग के कई पुरातन छात्र देश विदेश में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं. संचालन डॉ भानुमती सिंह द्वारा किया. पूर्व छात्र डॉ अखिलेश कुमार, इडेन हार्टीकल्चर सर्विसेस हरयाणा, के संस्थापक ने अध्यनरत छात्रो को प्लांट बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ट्रेनिंग और स्वरोजगार का सहयोग प्रदान करने का अस्वासन दिया. इसके अतिरिक्त पुरातन छात्रो में डॉ. राहुल कुमार (युनिवेर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को), डॉ. प्रियंका गुप्ता (कनाडा) , डॉ. गौरव त्रिपाठी (कनाडा), डॉ अनिल वर्मा ( कैलिफोर्निया युनिवेर्सिटी), डॉ रवि प्रकाश राय (पिट्सबर्ग युनिवेर्सिटी), डॉ अभिज्ञान सत्यम (बोस्टन , अमेरिका), डॉ संजीव कुमार (संस्थापक , संजीवनी डायग्नोस्टिक, धनबाद ), डॉ रेहान खान (ओहायो, अमेरिका) , डॉ लवकुश तरुण (गया , बिहार), डॉ रोहित शर्मा (ग्वालियर) आदि ने अपने अपने अनुभव साझा किये. इसके उपरांन्त डॉ हेमंत कुमार द्वारा पुरातन छात्रो से वैश्विक स्तर पर हो रहे बद्लाओं एवं बायोटेक्नोलॉजी विषय में प्रगति की जानकारी दी। डॉ विनय सिंह चौहान ने आभार व्यक्त किया।