– अंतिम सांस रहने तक खुदने नही दिया जाएगा : भानु सहाय का संकल्प

 

झांसी। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने मंडल आयुक्त को अनशन की चेतावनी का पात्र सौप कर बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई के किले के चारों तरफ पहाड़ी का स्वरूप बदलकर स्थायी निर्माण कराते हुए एक पाथ वे का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहाड़ी का मूल स्वरूप बिगड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग झांसी सर्किल ने सूचना के अधीकार में बताया है कि दुर्ग (किला) एवं दुर्ग के चतुर्दिक भूमि भी केन्द्रिय संरक्षित स्मारक रानी झांसी के किले का हिस्सा है जो कि भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय संरक्षित स्मारक की सूची में अधिसूचित है। पत्र में कहा गया कि झांसी के किले की पहाड़ी का स्वरूप तो बदला ही जा रहा है साथ ही साथ उसकी सुन्दरता भी समाप्त हो रही है। देश विदेश से आने वाले सैलानियों को जब झांसी के किले के उस स्थल जहाँ से महारानी लक्ष्मीबाई घोड़े सहित कूदी थीं, उक्त बदली हुई पहाड़ी दिखाई देगी तो किसी को भी सुन्दर प्रतीत नहीं होगी। जनहित में यह मांग की गई है कि जो निर्माण कार्य पहाड़ी पर किया जा रहा है उसको तत्काल रूकवाते हुए जाँच कराई जाए।
उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से निर्माण कार्य की अनुमति कार्यदायी संस्था ने ली है तो 23 मार्च 2022 तक उसको सार्वजनिक किया जाए। अन्यथा की स्थिति में कार्यदायी संस्था एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के विरूद्ध अनशन करने को बाध्य होंगे एवं पुरातत्व एक्ट के अनुसार FIR करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का दावा है कि जिस पहाड़ी पर किला बना है अगर उस पहाड़ी को किसी भी तरह का नुकसान होगा तो कालांतर में किला भी धसक सकता है।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के विरोध पथ वे या बगीचा बनाने से नही पर किले की पहाड़ी काट कर किसी भी तरह कर निर्माण का अंतिम सांस तक कड़ा विरोध किया जाएगा। तोड़ी गई पहाड़ी की अनेक फ़ोटो एवं वीडियो मोर्चा ने बना लिए है जो सर्वोच्च न्यायालय तक किले की पहाड़ी को बचाने के कार्य मे आएगी।