– मण्डलायुक्त डॉ० पाण्डेय के कड़े निर्णय से जमीनों पर कब्जा करने वालों में खलबली
झांसी। मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए जनपद एवं मण्डल स्तर पर राजस्व विभाग के मामलों को निपटाने के लिये एस०आई०टी० गठन का निर्णय लिया है।

ज्ञातव्य है कि अवैध कब्जे से सरकारी और गैर सरकारी जमीनों को मुक्त कराने तथा इस गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त असामाजिक एवं अराजक तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इस सम्बन्ध में तमाम विधिक उपबन्धों, शासनादेशों, परिषदादेशों तथा उच्च स्तरीय बैठकों में लिये गये निर्णयों के कार्यवृत्त पूर्व से उपलब्ध है। गण्डलायुक्त के द्वारा सरकारी एवं गैर सरकारी भूमियों से अवैध कब्जा हटाने के सम्बन्ध में पूर्व में कई आदेश जारी किये गये थे परन्तु इस दिशा में जो ठोस और प्रभावशाली कार्यवाही होनी चाहिए, वह नहीं हो पा रही थी। जन सुनवाई के दौरान अधिकांश शिकायतें अवैध कब्जों को लेकर ही प्राप्त होती हैं।

आखिर एस०आई०टी० क्या है और इसमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगें
जनपद के 3 श्रेष्ठतम सत्यनिष्ठा सम्पन्न व नियमों के जानकार लेखपालों को चिन्हित किया जायेगा। जनपद में कार्यरत 1 सुपरवाईजर कानूनगो को उपरोक्त मानकों पर चिन्हित किया जायेगा जनपद में एक ऐसे ही कर्मठ, ईमानदार व नियमों के जानकार नायब तहसीलदार को चिन्हित किया जाय।
जनपद में कार्यरत किसी एक डिप्टी कलेक्टर, जिनकी साफ-सुथरी छवि हो, नियमों के जानकार, कार्यो के प्रति समर्पित तथा सत्यनिष्ठा सम्पन्न हो चिन्हित किया जायेगा।
इस एस0आई0टी0 के साथ जनपद के एक सबसे अधिक विद्वान, ईमानदार एवं नियमों के डी०जी०सी० ए०डी०जी०सी० / पैनल लॉयर को सम्बद्ध किया जाय। इन सभी को मिलाकर डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में यह एस०आई०टी० कार्य करेगी।
जानकार, एस०आई०टी० के कार्य एवं दायित्व क्या क्या होगे ?

इस एस०आई०टी० के माध्यम से त्रुटिपूर्ण सूचना देने वाले दबंगों के साथ सांठ-गांठ करने वाले भूमि से जुड़ी हुई गंभीर शिकायतों की जांच कराई जाय। इस एस०आई०टी० का कार्यक्षेत्र जनपद के किसी भी राजस्व ग्राम या किसी भी राजस्व सम्बन्धी गंभीर प्रकरण की जांच के लिए सौंपा जा सकता है।
• एस०आई०टी० को जांच कार्यवाही में जो भी अभिलेख वांछित हो उसको समस्त अभिलेख उपलब्ध कराना तहसील के उपजिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। अभिलेखों को उपलब्ध कराने, जांच में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने वाले या सहयोग करने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही जिलाधिकारी के स्तर से की जायेगी।
एस०आई०टी० टीम जब स्थलीय सत्यापन हेतु मौके पर जायेगी उस परिस्थिति में जिलाधिकारी स्तर से पर्याप्त आवश्यक पुलिस बल साथ में मुख्यालय से ही उपलब्ध कराया जायेगा। यह सुनिश्चित करना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी होगी।
जनपद में गठित एस०आई०टी० के सदस्यों को लेकर इस प्रकार की एक मण्डलीय एस०आई०टी० भी गठित की जायेगी, जो सीचे मण्डलायुक्त के निर्देशन में कार्य करेगी।
अपर आयुक्त (प्रशासन) झांसी मण्डल झांसी को एस०आई०टी० गठन के लिए अधिकृत किया गया है।
अपर आयुक्त (प्रशासन) झाँसी मण्डल, झोंसी जिले स्तर से एसआई०टी० गठन होने के 3 दिन के अन्दर मण्डल मुख्यालय पर एस०आई०टी० के गठन की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय के स्तर से पूरे गण्डल में अवैध कब्जों के सत्यापन को लेकर एक अभियान चलाया गया था और अवैध कब्जेदारों की रिपोर्ट मय विस्तृत सत्यापन के प्राप्त भी हुई थी परन्तु जनसुनवाई के समय कई ऐसे मामले प्रकाश में आये है जहां उपलब्ध कराई गई गत रिपोर्ट और वास्तविकता में अन्तर है। ऐसे कई सदर्भ मण्डलायुक्त द्वारा जिलाधिकारी को कठोरतम कार्यवाही हेतु प्रेषित भी किये थे।
गण्डलायुक्त का मानना है कि इस प्रकार के दृष्टांतों से राजस्व विभाग के कर्मियों की अवैध कब्जेदारों और भूमाफियाओं से साठ-गांठ की प्रबल संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है तथ्यों को छिपाने वाले कब्जेदारों के साथ सांठ-गांठ रखने वाले मुनाफियाओं को प्रश्रय देने वाले मामलों की जांच के लिये जनपद स्तर पर राजस्व विभाग की एस०आई०टी० गठित करने की प्रबल आवश्यकता महसूस हुई।