चार माह बाद हुआ खुलासा, तीन हत्यारोपी गिरफ्तार

झांसी। युवक को दोस्त और रिश्तेदार लड़की का अंतरंग वीडियो बना कर लगातार ब्लैकमेल की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। चार माह बाद इसका खुलासा करते हुए पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या की साजिश मृतक के दोस्त ने अपने दो साथियों से मिलकर रची थी।
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि 7 फरवरी 2023 को गांधीनगर बड़ागाँव निवासी तीरथराम प्रजापति ने अपने 20 वर्षीय पुत्र जितेंद्र प्रजापति की गुमशुदगी थाने पर दर्ज कराई थी। 09 फरवरी को ग्वालियर जिले में नहर में जितेंद्र का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। मामले की तहकीकात में जुटे प्रभारी निरीक्षक विनय दिवाकर व एसएसआई जितेंद्र सिंह तक्खर ने साक्ष्य जुटाए तो रक्सा निवासी संकेत साहू का नाम सामने आया। संकेत से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या के जुर्म को स्वीकार कर लिया और हत्या के पीछे जो कहानी बताई उसने हतप्रभ कर दिया।

एसपी सिटी के अनुसार मृतक जितेंद्र की रिश्तेदारी रक्सा में थी। वह अक्सर रक्सा जाता था। वहीं उसकी दोस्ती संकेत से हो गयी। मृतक ने एक दिन अपनी रिश्तेदार व संकेत का अंतरंग वीडियो बना लिया। इसके बाद वह संकेत को ब्लैकमेल करने लगा और लगभग 80 हजार रुपये ऐंठ लिए। रुपये देकर परेशान हो चुके संकेत ने यह बात अपने दोस्त डबरा निवासी आशीष साहू व मोहित साहू को बताई। तीनों ने जितेंद्र को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया।

बताया गया कि योजना के अनुसार संकेत ने जितेंद्र को दतिया दर्शन करने के लिए बुलाया। दोनों दतिया पहुँचे जहाँ मोहित व आशीष भी मिल गए। तीनों कार में बैठ गए। इसी दौरान संकेत ने जूस मंगाया और उसमें नींद की गोलियां मिलाकर जितेंद्र को पिला दिया। इसके बाद जब वह अचेत हो गया तो उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को सेतोल गांव के पास मेगरा नहर के पास फेंक दिया।

कॉल रिकॉर्ड की मदद से हत्यारे तक पहुंची पुलिस

पुलिस के मुताबिक हत्यारा संकेत बेहद शातिर है। पुलिस को चकमा देने के लिए घटना के दिन अपना मोबाइल उसने घर पर छोड़ दिया। अपने एक दोस्त का मोबाइल वह इस्तेमाल कर रहा था। जांच-पड़ताल में पुलिस ने जब जितेंद्र के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला तब उस युवक का नंबर सामने आ गया। उससे लंबी पूछताछ करने के बाद संकेत का नाम सामने आया। संकेत पर जितेंद्र के परिजनों को भी शक नहीं था। पूछताछ के दौरान भी वह लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा।
अंतिम संस्कार में भी पहुंचा था हत्यारोपी
सभी को झांसा देने के लिए जितेंद्र के अंतिम संस्कार में भी संकेत पहुंच गया था। पुलिस के मुताबिक अंतिम संस्कार के समय वह जितेंद्र के परिजनों के साथ ही था। इस वजह से ही जितेंद्र के परिजनों को उस पर कोई शक नहीं हुआ।
80 हजार देने के बाद भी डिलीट नहीं किए वीडियो
पूछताछ के दौरान संकेत ने पुलिस को बताया कि जितेंद्र ने अश्लील वीडियो दिखाकर उससे अब तक करीब 80 हजार रुपये वसूल चुका था। यह पैसा देने के बाद उसने कोई वीडियो डिलीट नहीं किए। जितेंद्र के पास उसकी उसकी प्रेमिका का अश्लील वीडियो था। यह वीडियो दिखाकर वह उसके साथ संबंध बनाता था।

 

इस हत्या काण्ड को उजागर करने में विनय दिवाकर प्रभारी निरीक्षक बड़ागाँव, जितेंद्र सिंह तक्खर एसएसआई, शिवकुमार उपनिरीक्षक, का.प्रद्युम्न तिवारी, प्रवीण कुमार व चालक राशिद खान थाना बड़ागाँव झाँसी शामिल रहे।