झांसी। बुन्देलखण्ड की अनूठी सांस्कृतिक सम्पदा को नष्ट होने से बचाने व संरक्षित करने के प्रयासों को एक और नई दिशा मिली है। आयुक्त झाँसी मंडल डॉ अजय शंकर पांडेय द्वारा चलाई गई मुहिम से अब मंडल के तीनों जिलों के बुन्देली कलाकारों को योजनाबद्ध तरीके से स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायतों व नगर निकायों द्वारा विशिष्ट दिवसों व अवसरों पर नियमित रूप में प्रस्तुति का मौका दिया जायेगा। स्थानीय बुंदेली लोक-कलाओं व कलाकारों को संरक्षण देने के लिए मंडल की सभी नगर निकायों व ग्राम पंचायतों में एक वार्षिक कार्ययोजना भी तैयार होगी जिससे संबंधित क्षेत्र के लोक-कलाकारों को स्थानीय स्तर पर ही सहयोग मिलेगा।

मंडलायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि 25 जून तक सभी ग्राम पंचायत व निकाय अपनी एक विशेष बैठक आहूत कर इस आशय का प्रस्ताव पास करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मूल उद्देश्य बुन्देलखण्ड (झाँसी मण्डल) की लोक संस्कृति को संरक्षित करना है। एक बार ग्राम पंचायतों व निकायों द्वारा संरक्षण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा तो फिर साल दर साल यह कार्य चलता रहेगा।

झाँसी मंडल के लोककलाकार ग्रामों पंचायत या नगर निकायों के क्षेत्रों में निवास करते हैं। आयुक्त ने कहा कि इन निकायों के वैकल्पिक दायित्वों में लोक संस्कृति को संरक्षित करना भी शामिल है पर अब तक इस दिशा में कभी पहल नहीं की गई जिससे कलाकारों को वांछित सहयोग नहीं मिला। इस बार 25 जून तक सभी ग्राम पंचायत व निकाय अपनी एक विशेष बैठक आहूत कर इस आशय का प्रस्ताव पास कर अपनी निधियों से इन मदों में व्यय कर सकेंगी।

आयुक्त ने बताया कि मंडल स्तर पर किये गए प्रयासों में अब तक 100 से अधिक कलाकारों को सूचीबद्ध किया गया है और अटल एकता मंच से उन्हें प्रस्तुति का अवसर मिल रहा है परंतु अनेक कलाकार अभी भी बाहर निकलकर अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में उन कलाकारों को स्थानीय मंच दिलाना आवश्यक है। यह पहल बुंदेली लोक कलाओं के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगी तथा इसका दूरगामी प्रभाव भी होगा।बैठक का संचालन मंडलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा/एन एच एम आनन्द चौबे ने किया। इस दौरान अपर आयुक्त प्रशासन सर्वेश कुमार दीक्षित, उप निदेशक पुरातत्व सुरेश कुमार दुबे आदि उपस्थित रहे।

:खास बातें

# लोक कलाकारों के पुराने वाद्ययंत्रों की मरम्मत, नये वाद्ययंत्रों की खरीद हो सकेगी।

# ग्राम पंचायत व स्थानीय निकाय प्रस्ताव पास कर अपनी निधियों से लोककलाओं के संरक्षण के लिए काम करेंगी।

# पंचायतों, निकायों के वैकल्पिक दायित्वों में लोक संस्कृति को संरक्षित करना शामिल किया जाएगा, जो अब तक नहीं हो रहा था।

# ग्राम पंचायतों व नगर निकायों द्वारा विशिष्ट दिवसों व अवसरों पर स्थानीय बुंदेली लोक-कलाकारों को प्रस्तुति के अवसर देंगे, मानदेय भी मिलेगा।

# मंडल की सभी नगर निकायों व ग्राम पंचायतों में इसके लिए एक वार्षिक कार्ययोजना भी तैयार होगी।