झांसी। गबन के मामले में आरोपी अमीन को सात वर्ष का कारावास भुगतना होगा। अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा प्रथम ने आरोपी द्वारा की गई अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए अन्य धाराओं में दोषमुक्त करार देते हुए धारा ४०९ भा०द०सं० के अपराध में ७ वर्ष के कारावास व १५ हजार रूपये अर्थदण्ड को बरकरार रखा है।

जानकारी देते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल ने बताया कि अपीलार्थी मदन मुरारी खरे पुत्र द्वारिका प्रसाद खरे निवासी नई बस्ती थाना कोतवाली की ओर से यह फौजदारी अपील, न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, झांसी द्वारा धारा  ४०९, ४२०, ४६७, ४६८, २१८ भा०दं०सं०, थाना बबीना, में विगत 19 दिसंबर 2013 को पारित निर्णय से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत की गई थी।अपीलार्थी / अभियुक्त के विरूद्ध परिवादी
अच्छेलाल ( नायब तहसीलदार बबीना) द्वारा विगत २६ मई १९८९ को एक तहरीर थाना बबीना जिला में देते हुए बताया था कि मदन मुरारी खरे पुत्र द्वारिका प्रसाद खरे निवासी ३२६ नई बस्ती झांसी अमीन क्षेत्र घिसौली थाना बबीना में विगत २४ नवम्बर १९८८ से ०५ मई१९८९ तक कार्यरत रहा। उक्त संग्रह अमीन ने अपने क्षेत्र के ग्राम बड़ौरा के शीतल प्रसाद पुत्र रामपाल से ३,३४० रूपये बैंक ऋण के बावत, हीरालाल पुत्र दरयाब नि० बघौरा से ४५० रूपये, राजेश कुमार बडौरा से ३,००० रूपये ,प्रकाश पुत्र भागीरथ निवासी बडौरा से ५०० रूपये, ,मौजी पुत्र मसलती निवासी बघौरा से ५०० रूपये, सुग्रीव पुत्र काशीराम निवासी बडौरा से १,००० रूपये, श्यामलाल पुत्र रज्जू नि० बडौरा से ५०० रूपये, घनू पुत्र कलू निवासी बघौरा से‌ ८०० रूपये, कनई पुत्र गरीबा निवासी गुबावली से ३,३४४ रूपये, चतुर सिंह पुत्र निरपता नि० बघौरा से ३०० रूपये ,गोविन्द सिंह पुत्र सगुन निवासी बघौरा से ३०० रूपये तथा ग्राम घिसौली के हाकिम पुत्र पहलवान से ५०० रूपये बैंक ऋण के रूप में संग्रहीत किये और उक्त के संबंध में कु०- १४, ५३४ रूपये की सरकारी रसीदें जारी की है, किन्तु उक्त रसीदों द्वारा संग्रहीत धनराशि को संबंधित बैंकों में जमा नहीं किया। इस प्रकार उक्त अमीन ने १४, ५३४ रूपये का गबन किया है।
इतना ही नहीं उक्त अमीन ने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों लोगों से रूपए संग्रहित कर दाखिले पर जमा नहीं किया है और जमा करने के बावत जालसाजी पूर्वक फर्जी रसीदें बनाकर षडयंत्र करके धोखाधड़ी कर उक्त रूपये गबन कर लिए है।
दौरान विवेचना एकत्र साक्ष्यों के आधार पर वाद विवेचना आरोप पत्र अभियुक्त मदन मुरारी खरे के विरूद्ध धारा ४०९, ४२०,४२९,४२२, ४६७, ४६८, २१८ भा०दं०सं० के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष प्रेषित किया गया। उक्त आरोप पत्र पर प्रसंज्ञान लिया जाकर अभियुक्त मदन मुरारी खरे को विगत २०अक्टूबर २००० को धारा ४०९, ४२०, ४६७, ४६८, २१८ भादं०सं० के अंतर्गत अपराध के संदर्भ में आरोप विरचित किया गया। बाद विचारण विगत १९ दिसंबर २०१३ को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त / अपीलार्थी
मदन मुरारी खरे को धारा ४०९ भा०द०सं० के अपराध में ७ वर्ष के कारावास व १५ हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा ४२० भा०द०सं० के अपराध में ४ वर्ष के कारावास व ०५ हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा ४६७ भा००सं० के अपराध में ७ वर्ष के कारावास व १५ हजार रूपये अर्थदण्ड ,धारा ४६८ भा०द०सं० के अपराध में ४ वर्ष के कारावास व ०५ हजार रूपये तथा धारा २१८ भा०दं०सं० के दोषसिद्ध अपराध में ०२ वर्ष के कारावास व ०२ हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
अर्थदण्ड की अदायगी न किये जाने पर धारा ४०९ भा०द०सं० के अंतर्गत ०३ माह, धारा ४२०
भा०द०सं० के अंतर्गत ०२ माह, धारा ४६७ भादं०सं० के अंतर्गत ०३ माह धारा ४६८ भा०६०सं० के अंतर्गत ०२ माह व धारा २१८ भा०द०सं० के अंतर्गत ०१ माह का अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया गया।

उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/ अभियुक्त द्वारा यह अपील प्रस्तुत की गयी थी। जिसे खारिज करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या २ में अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए पूर्व में सुनाई गई अभियुक्त / अपीलार्थी मदन मुरारी खरे को धारा ४०९ भा०द०सं० के अपराध में ७ वर्ष के कारावास व १५ हजार रूपये अर्थदण्ड को बरकरार रखा।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित निर्णय में धारा ४२०, ४६७, ४६८, २१८ भा०द०सं० में संबंध में दिया गया निर्णय अपास्त कर अपीलार्थी/ अभियुक्त मदन मुरारी खरे को धारा ४२०, ४६७, ४६८, २१८ भाद०सं० में दोषमुक्त कर दिया गया।