ओरछा मप्र। रूद्रानी कला ग्राम एवं शोध संस्थान ओरछा द्वारा भारतीय रंगमंच के युग स्तम्भ और वरिष्ठ इब्राहिम अल्काजी की दूसरी पुण्यतिथि मनाई गई । इस अवसर पर रूद्रानी कला ग्राम स्थित इब्राहिम अलकाजी एपीडोरस थियेटर का शुभारंभ इब्राहिम अलकाजी के राष्ट्रीय नाट्य विधालय नई दिल्ली में छात्र रहे राजा बुंदेला ने किया ।
उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र रूप में बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि इब्राहिम अल्काजी का समकालीन आधुनिक थियेटर को स्थापित करने में विशेष योगदान है। इब्राहिम अल्काजी ने लंदन में राडा से 1947 में नाटक की शिक्षा पूरी की। भारत आकर उन्होंने मुम्बई में सक्रिय थियेटर किया साथ ही प्रगतिशील आर्टिस्ट ग्रुप से भी जुड़े। इस ग्रुप में उस समय सूज़ा, हुसेन, आरा, बाकरे, तैयब मेहता जैसे चर्चित कलाकार सक्रिय थे। मुम्बई में स्कूल ऑफ ड्रामेटिक आर्ट की स्थापना और नाट्य अकादेमी, मुम्बई के निर्देशक भी बने। थिएटर यूनिट बुलेटिन अंग्रेजी पत्रिका का प्रकाशन भी किया। फिर 1962 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के दूसरे निदेशक का कार्यभार संभाला।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक के रूप में उनकी प्रतिभा को नए आयाम और विस्तार मिला। यहां उन्होंने नाटक के प्रस्तुतिकरण से लेकर सेट, लाईट, डिजाइन के क्षेत्र में अद्भूत काम किया। अभिनेता के प्रशिक्षण में आधुनिक पद्धति समेत नाट्य प्रर्दशन में शिल्प और तकनीक के नए मापदंड स्थापित किए। इस दौरान उनकी प्रमुख मंचीय प्रस्तुतियों में गिरीश कर्नाड का तुगलक, धर्मवीर भारती का अंधायुग, मोहन राकेश का आषाढ़ का एक दिन समेत शेक्सपियर, मौलियर और ग्रीक ट्रेजिक नाटक भी है।

सन 1962 से 1977 तक का एन. एस. डी. के साथ उनका काम काफी महत्वपूर्ण था। इस दौरान भारतीय रंगमंच नई शक्ल ले रहा था। कडे़ अनुशासन और योजनाबद्ध कार्यशैली अल्काजी की विशेषता थी। उनका यह दौर नई स्थापनाओं और उपलब्धियों का है। शोध का विषय है कि अंग्रेजी संस्कारों के साथ सोचने समझने वाले इब्राहिम अल्काजी, हिंदी रंगमंच के साथ साथ भविष्य के भारतीय रंगमंच का भी ताना बाना किस तरह शिद्दत से बुन रहे थे। साथ ही कर्मठता और जज्बे से उसकी मजबूत बुनियाद कितनी मेहनत से खड़ी कर रहे थे। सन 1977 में नाट्य विद्यालय छोड़ने के बाद लम्बे समय तक वापस मुड़ कर नहीं देखा और पेंटिंग और कला संरक्षण के ऐतिहासिक काम में जुट गए ।

इब्राहिम अल्काजी साहब के मार्गदर्शन में ओम शिवपुरी, नसीरुद्दीन शाह, ओमपुरी, अनुपम खेर, राज बब्बर, पंकज कपूर, जैसे कामयाब अभिनेता तैयार हुए ।
कार्यक्रम में पुष्पेंद्र चौहान, विजय सिंह, वीणा सिंह,जावेद खान, पारस पेंटर, नारायण प्रधान आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन आरिफ शहडोली ने व आभार जगमोहन जोशी ने ज्ञापित किया ।