झांसी। एक बार फिर जिले में नर्सिंग होम संचालक की असंवेदनशीलता सुर्खियों में आई है। मंगलवार को इंसानियत को शर्मसार करने वाला ऐसा मामला सामने आया है जिसमें गरीब परिजनों के पास इलाज का भुगतान करने के लिए पैसे न होने पर एक नवजात शिशु को 6 दिनों से उसकी मां से अलग रखा और नवजात के पिता को जहर खाकर मर जाने की सलाह भी दे डाली। बच्चे के लिए उसके पिता और मां ने एसएसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय की मांग की।

राजगढ़ निवासी नवजात बच्चे के पिता राजा ने बताया कि 9 अगस्त को झांसी के मां शारदा हॉस्पिटल में उसकी पत्नी रानी ने एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत नाजुक होने पर उसको दूसरे निजी अस्पताल मातृत्व में भर्ती कराया गया था। अब उनको उनका बेटा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि अस्पताल स्टाफ का कहना है कि 20 हजार रुपये लेकर आओ। आर्थिक तंगी से जूझ रहे राजा का कहना था कि वह मजदूरी करके अस्पताल के पैसे चुका देगा, लेकिन एक बच्चे को मां से अलग न रखा जाए।

इस मामले में डॉक्टर कुलदीप त्रिवेदी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि नवजात शिशु के पिता की आइडेंटिटी नहीं मिल रही है. इसलिए अब बच्चे को कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस दिया जाएगा। गौरतलब है कि इसी अस्पताल में कुछ दिन पहले एक नवजात शिशु की मौत हो गई थी। इसमें इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए दुःखी परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा था। इस अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. परिजनों के साथ अस्पताल के कर्मचारियों ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इधर, मामला बढ़ता हुआ देख डॉक्टर कुलदीप नवजात शिशु को लेकर थाना नवाबाद पहुंचे। उन्होंने नवजात शिशु को थाने में हेल्प डेस्क के सामने उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया, साथ ही अस्पताल का बकाया भुगतान भी नहीं लिया। विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज ने बताया कि बच्चों को अस्पताल में भर्ती करते समय परिजनों ने बच्चे के पिता का नाम सुनील लिखवाया गया था, जबकि महिला सुनील को छोड़ कर राजा के साथ पिछले डेढ़ साल से रह रही है और यह बच्चा इन दोनों का ही है।

पिता का नाम सुनील लिखा जाने और सुनील के अस्पताल में उपस्थित न होने पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। जिसकी वजह से डॉक्टर बच्चे को इनके परिजनों को सौंपने में असमंजस में था। इस वजह से नवजात शिशु को उनके मां-बाप यानी कि राजा और रानी को नहीं सौंपा जा रहा था। पुलिस के इस मामले में छानबीन करने के बाद बच्चे को उसकी मां रानी और उसके पिता राजा के सुपुर्द कर दिया गया है।