– ओडीओपी से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 2000 के लगभग लोग आजीविका से जुड़े

 झांसी। एक जिला एक उत्पाद योजना झांसी के हस्तशिल्पियों के लिए आजीविका के महत्वपूर्ण साधन के रूप में धीरे-धीरे लोकप्रिय होती जा रही है। झांसी के सॉफ्ट टॉयज को एक जिला एक उत्पाद के रूप में नई पहचान मिली और अब इसमें वस्त्र उद्योग को भी जोड़ दिया गया है, जिसके बाद झांसी के लगभग चार हजार से अधिक बुनकर परिवारों को ओडीओपी से जुड़ी सुविधाओं का लाभ मिलने लगा है। वर्तमान में करीब दो हजार लोग प्रयत्क्ष और परोक्ष रूप से सॉफ्ट टॉयज से जुड़ गए हैं।

बुनकरों में जागी उम्मीद
झांसी में रानीपुर, मऊरानीपुर, टहरौली, कटेरा, टोड़ीफतेहपुर क्षेत्रों में हैंडलूम से जुड़े बुनकर बड़ी संख्या में निवास करते हैं। रानीपुर का टेरीकॉट कपड़ा उद्योग कभी अपनी विशेष प्रसिद्धि रखता था। धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आई और नए संसाधनों व तकनीकी के अभाव में बहुत सारे बुनकरों की हालत बिगड़ने लगी। अब ओडीओपी से वस्त्र उद्योग को जोड़ने के बाद नए सिरे से इनकी संख्या में इजाफ होने लगा है। रानीपुर के कंचन बताते हैं कि ओडीओपी से वस्त्र उद्योग को जोड़ देने के बाद बुनकरों में नई ऊर्जा का संचार होगा। अब इस क्षेत्र में प्रोसेसिंग प्लांट बनने से बेहतर बाजार उपलब्ध होने लगे हैं।

बुनकरों को मिलेंगी कई तरह की सुविधाएँ
सरकारी स्तर पर इस बात की तैयारी शुरू हो गयी है कि झांसी में हैंडलूम उद्योग से जुड़े उद्यमियों की जानकारी जुटाकर उन्हें ओडीओपी योजना से लाभ दिलाया जाए। हघकरघा विभाग के सहायक निदेशक डॉ. उत्तीर्णवीर सिंह बताते हैं कि ओडीओपी के तहत बुनकरों को मुद्रा ऋण में अधिक छूट मिल सकेगी। इसके साथ ही तकनीकी इत्यादि को लेकर भी बुनकरों को मदद मिलेगी। निश्चित तौर पर यह कदम बुनकरों को प्रोत्साहित करने में अपनी भूमिका निभाएगा और उन्हें आगे बढ़ाने में कारगर भूमिका निभाएगा।