बुन्देलखण्ड के लोगों को इलाज के अभाव में मरने नहीं दिया जा सकता : भानु सहाय

बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य सेवाएं चाक चौबंद की जाए वार्ना प्रदेश के मंत्रियों को दिखाए जाएंगे काले झंडे

झांसी। बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने बताया कि अति पिछड़ा क्षेत्र बुन्देलखण्ड के आर्थिक लाचार परिवार सरकारी व्यवस्थाओं पर निर्भर होकर अपनी बीमारी का इलाज कराने को बाध्य होते रहते है, किंतु व्यवस्थाएं दिन वह दिन बिगड़ती जा रही है। संविदा एवं आउट सोर्स के द्वारा भारतीयों से बुन्देलखण्ड क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं, ना तो मेडिकल कालेजों एवं जिला व अन्य छोटे अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सक हैं न पर्याप्त स्टाफ और उपकरण।

उन्होंने प्रमाण प्रस्तुत करते हुए बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सबसे पुराने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की स्तिथि जानिए कितनी बदहाल है-

प्रथम श्रेणी-क (चिकित्सकों) के सृजित पद 162
नियमित भरे पद 52, संविदा से भरे पद 58, रिक्त पद 52 । द्वितीय श्रेणी ख- सृजित पद 559, नियमित भरे पद- 89, संविदा से भरे पद- 0, आउट सोर्स से भरे पद- 200, रिक्त पड़े- 270 । तृतीय श्रेणी ग- सृजित पद- 505, नियमित भरे पद- 92, संविदा से भरे पड़-0, आउट सोर्स से भरे पद- 200, रिक्त पद- 213 । चतुर्थ श्रेणी घ- सृजित पद 648, नियमित भरे पद- 184, संविदा से भरे पद- 0, आउट सोर्स से भरे पद- 189, रिक्त पद – 275 ।क, ख, ग,घ श्रेणी में सृजित पद-1874, कुल नियमित भरे पद- 417, कुल संविदा से भरे पद- 58, कुल आउट सोर्स से भरे पद- 589, कुल रिक्त पद- 810 ।

– जिला अस्पताल-
सृजित पद- 47, भरे पद- 26, रिक्त पद- 23 ।

उन्होंने स्पष्ट किया कि शब्द आउट सोर्स जितना सुनने में अच्छा लगता है उतना ही उत्पीड़न करने वाला है। विडंबना देखिए सरकार के पास स्वयं मैन पावर नही है जो एक ठेकेदार से लोगों की भर्ती कराती है जिससे नियुक्ति में होने वाले भ्रष्टचार में सरकार पर उंगली न उठे।
मंडल आयुक्त कह रहे है कि एन. एच. एम के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से संविदा पर जिला स्तर पर नियुक्ति की जाना चाहिए पर मेडिकल कॉलेज में संविदा की भारतीयों पर सरकार से अनुमति मांग रहे है एवं अन्य नियुक्तियां ठेकेदार के माध्यम से कराई जा रही है। आयुक्त महोदय को हस्तक्षेप करना चाहिए। जब धनराशि समिति के पास प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है तो इलाज के अभाव में जिन बुंदेलियों की मृत्यु हुई है उसका गुनहगार कौन है।
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा ने प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज को पत्र सौंप कर साफ साफ कह दिया है कि आउट सोर्स से की जाने वाली किसी भी नियुक्ति में पैसे लेनदेन की बात सामने आएगी तो मोर्चा सीधी कार्यवाही करेगा। पत्र में ये स्पष्ट कर दिया है कि बुन्देलखण्ड की भूमि पर बुंदेलियों की ही भर्ती होने चाहिये।

उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज झाँसी में 15 से 20 करोड़ रू. के चिकित्सीय उपकरण की आवश्यकता है। पर स्वीकृति मात्र 2 करोड़ 90 लाख किया गया यानि ऊंट के मुंह मे जीरा जैसी है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं उपकरणों की इतनी कमी है तो बाँदा और उरई के मेडिकल कॉलेज व अन्य अस्पतालों की स्थिति क्या होगी, ये सोच से परे हैै।
अति पिछड़े, बदहाल एवं बेहाल क्षेत्र बुन्देलखण्ड के समस्त मेडिकल कॉलेजों एवं अन्य अस्पताल में चिकित्सीय, मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था शीघ्र करवाई जाए वर्ना बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा प्रभारी मंत्री, चिकित्सा शिक्षा कैबिनेट मंत्री एवं स्वास्थ्य कैबिनेट मंत्री के झांसी आगमन पर 6 माह तक काले झंडे दिखाएगा। 6 माह में यदि व्यवस्था नही सुधरी तो मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित समस्त कैबिनेट मंत्रियों को काले झंडे दिखाए जायेंगे। किन्हीं भी परिस्थिति में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोगों को इलाज के अभाव में मरने नहीं दिया जा सकता है। अंत में उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र की सभी समस्याओं का सिर्फ एक इलाज, वो है बुन्देलखण्ड राज्य।
पत्रकार वार्ता में रघुराज शर्मा, वरुण अग्रवाल, हमीदा अंजुम, हनीफ खान गोलू ठाकुर, बंटी, दुबे, प्रदीप झा, रामजी परीछा, कलाम कुरेशी, नफीस खान नरेंद्र कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।