झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय) अविनाश कुमार सिंह के न्यायालय में जान लेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर दो सगे भाइयों व पुत्र को सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेश श्रीवास्तव के अनुसार वादी मुकदमा मलखान सिंह द्वारा 04 अगस्त 2015 को थाना एरच में तहरीर देते हुए बताया था कि वह ग्राम अहरौरा का रहने वाला है, आज शाम 5 बजे गांव का अपराधी किस्म का महाराज सिंह शराब पीकर मेरे लड़के मंगल सिंह को गाली दे रहा था ,रोकने पर उसको मारने के लिये दौड़ा लिये थे, लड़के ने आकर बताया तो मैं व लड़का मंगल सिंह पूछने के लिये गये तो महाराज सिंह पुत्र हरदास यादव, भगवान सिंह पुत्र हरदास,कल्लू पुत्र हरदास, चन्द्रभान पुत्र महाराज सिंह अपने हाथों में कुल्हाड़ी लेकर आये और जान से मारने की नियत से मेरे लड़के के सिर में कुल्हाड़ी मार दी, बचाने के लिये राम किशोर पुत्र जंगी यादव व संजय पुत्र रामकिशोर यादव व राकेश पुत्र जंगी यादव व धर्मेन्द्र पुत्र समरथ यादव आये,उनको भी कुल्हाड़ी से मारा, संजय को सिर में व धर्मेन्द्र को भी सिर में मारा है। चोटें राम किशोर व राकेश को भी आयी हैं। गांव वालों के आ जाने पर उपरोक्त चारों लोग गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देते हुए चले गये। उक्त तहरीर के आधार पर अभियुक्तगण महाराज सिंह, भगवान सिंह, कल्लू व
चन्द्रभान के विरूद्ध धारा- 307, 504, 506 भा०दं०सं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा
दोषसिद्ध महाराज सिंह पुत्र हरदास यादव, भगवान सिंह पुत्र हरदास, चन्द्रभान पुत्र महाराज सिंह ,प्रत्येक अभियुक्त को अन्तर्गत धारा 307 भा०द०सं० के अन्तर्गत अपराध हेतु सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा 40 हजार रुपये अर्थदण्ड ,धारा 504 भा०द०सं० के अपराध हेतु एक वर्ष के कारावास तथा 1,000
रुपये अर्थदण्ड व धारा- 506 भा०दं०सं० के अन्तर्गत अपराध हेतु दो वर्ष के कारावास तथा 1,000 रुपयेे अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियुक्तों द्वारा धारा 307 भा०द०सं० के तहत अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न
करने की दशा में पाँच माह , धारा 504 भा०दं०सं० के तहत अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक माह व धारा 506भा०द०सं० के तहत अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।