11 वर्ष पहले रुपए के लेन-देन पर कर दी थी हत्या 

झांसी। डकैती कोर्ट के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार तृतीय के न्यायालय में 11 साल पहले मौसी की हत्या का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त भतीजे अभिषेक उर्फ रेशू अवस्थी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने अभियुक्त पर 55 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है, नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त जेल काटनी होगी।

विशेष लोक अभियोजक विपिन कुमार मिश्रा के अनुसार घटना 6 मई 2012 की है। आरोपी रेशू अवस्थी की सगी मौसी सुधा मिश्रा गुरसराय के आमली गांव में रहती थी। 2011 में आरोपी रेशू की शादी में मौसी ने 70 हजार रुपए दिए थे। रुपए के बदले में रेशू ने अपनी बाइक मौसी के पास रख दी थी। कुछ समय बाद आरोपी बाइक मांग रहा था, जबकि मौसी रुपए देने के बाद ही बाइक लौटाने पर अड़ी हुई थी। 6 मई 2012 को रेशू अपने दो साथियों के साथ बाइक से मौसी सुधा के घर पहुंचा। तब वह सिलाई कर रही थी। रेशू बाइक ले जाने का प्रयास करने लगा। विरोध करने पर उसने कैंची घोंपकर मौसी की हत्या कर दी थी। इसके बाद गहने लूटकर भाग गया था।

इस मामले में मृतका सुधा के बेटे सचिन मिश्रा ने गुरसराय थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने रेशू, आमली गांव के अखिलेश उर्फ पप्पू नायक और उरई के नाथ रामनगर निवासी सुरेंद्र मिश्रा उर्फ बाबू को गिरफ्तार किया था। लम्बी सुनवाई के बाद न्यायालय ने सोमवार को सजा का फैसला सुनाया। इसमें रेशू अवस्थी को दोषी करार दिया गया, जबकि अखिलेश और सुरेंद्र मिश्रा को बरी कर दिया। न्यायालय ने रेशू अवस्थी को आईपीसी की धारा 302, 394 और 411 में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 55 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अर्थदण्ड की राशि में से 40 हजार रुपए पीड़ित परिवार को मिलेगें। अर्थ दण्ड नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त जेल काटनी होगी।