नई दिल्ली। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान परिवहन भत्ते के भुगतान में अनियमितताओं की जांच पड़ताल की कवायद शुरू हो गई है। रेल मंत्रालय के निर्देश पर रेलवे बोर्ड द्वारा महाप्रबंधक, सभी भारतीय रेलें और उत्पादन इकाइयों को परिपत्र जारी कर दिया गया है।

परिपत्र में ध्यान बोर्ड के दिनांक 03.08.2017 (आरबीई सं.80/2017) के पैरा 4(क) की और आकृष्ट किया गया है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि परिवहन भत्ता उन कैलेंडर माह (महीनों) के लिए स्वीकार्य नहीं होगा, जिनमें पूरी छुट्टी ली गई है। इसके अलावा, वित्त मंत्रालय/व्यय विभाग के दिनांक 01.12.2020 के कार्यालय ज्ञापन, जिसे बोर्ड के दिनांक 03.12.2020 (आरबीई सं. 104/2020) के पत्र के तहत परिपत्रित किया गया है, में लॉकडाउन अवधि के दौरान विभिन्न परिस्थितियों को स्पष्ट किया गया है, जिनके तहत परिवहन भत्ता स्वीकार्य नहीं है। लेखा-परीक्षा के दौरान यह नोट किया गया है कि किसी एक क्षेत्रीय रेलवे द्वारा परिवहन भत्ते के तहत अनियमित भुगतान किया गया है, जो वित्त मंत्रालय/व्यय विभाग के दिनांक 01.12.2020 के कार्यालय ज्ञापन के तहत संसूचित स्पष्टीकरण का उल्लंघन है। इस संदर्भ में, निम्नानुसार को पुनः अनुशंसित किया गया है –

“रेलवे बोर्ड द्वारा विभिन्न जोनों / अन्य कार्यालयों में इस मुद्दे की जांच कराई जाए ताकि यह आकलन किया जा सके कि क्या परिवहन भत्ते के तहत इसी प्रकार का कोई अन्य अनियमित भुगतान किया गया है और इसकी वसूली करके ऑडिट को सूचित किया जाए।”

2. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय रेलें और उत्पादन इकाइयां कृपया राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान कर्मचारियों को परिवहन भत्ते के तहत किए गए भुगतान का मूल्यांकन करें और यदि कोई अनियमित भुगतान किया गया है, तो इसकी वसूली के लिए उपचारात्मक कार्रवाई करें।

यह परिपत्र सुधा ए. कुजूर उपनिदेशक / वेतन आयोग रेलवे बोर्ड के हस्ताक्षर से जारी किया गया है। जिसमें निर्देशित किया गया है कि इस संबंध में की गई कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट बोर्ड कार्यालय को शीघ्र प्रस्तुत की जाए।