झांसी। मेहंदी बाग स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर प्रवचन देते हुए महंत मदन मोहन दास महाराज ने भगवान् श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए पूतना वध, कालिया वध, केसी आदि राक्षसों के वध की कथा सुनाई ।

महंत श्री ने गिर्राज की पूजा, इंद्र के अरमान को किस तरह तोड़ा गया आदि का विस्तार रूप से वर्णन किया। गौदान की महिमा पर बोलते हुए बताया कि गौदान से बढ़ कर कोई दान नहीं है, मानव को गौदान अवश्य करना चाहिए क्योंकि गाय के अंदर 33 कोटि देवताओं का वास होता है। गौदान करने से पूर्व जन्म के पाप नष्ट तो होते ही हैं साथ ही मुक्ति का मार्ग भी सुगम होता है, यदि संभव न हो तो आसपास की गौशाला में यह कार्य अवश्य करें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अन्न दान, कन्यादान, विद्या दान, धन दान तथा सेवा करने से कर्म की शुद्धि होती है। कर्म तीन प्रकार के होते हैं। संचित , प्रारब्ध, करमाड, कुछ भी कर्म करो सभी को रामजी को समर्पित कर दें तो तीनों प्रकार के कर्म सुधर जाएंगे।
इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने भागवत ग्रंथ की आरती कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। धर्म सभा में कथा पारिक्षित पुष्पलता गौरीशंकर द्विवेदी, नंदकिशोर, श्याम मकराडिया , बालमुकुंद तिवारी, अनूप, अनिल, विजय सोनी, प्रवीण , ऊषा नायक, उर्वसी भट्ट, सुशील शर्मा, बीएस तोमर, राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अरजरिया, महंत प्रेम नारायण दास काकाजी महाराज, अनिल, सुखदेव वाधवानी, रामप्रकाश तिवारी, मयंक तिवारी सहित विभिन्न मंदिरों के पुजारीगण व सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।