बिना संसाधन के काम का दबाव, लम्बित मांगों पर सार्थक कार्यवाही को लेकर आंदोलन का निर्णय 

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई की नगरी झांसी में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में जुटे उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो जल्दी ही कार्य बहिष्कार किया जाएगा। सभा का संचालन इं नेहा सिंह संयोजक विद्युत ने किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष AIFOPDE नई दिल्ली आरके त्रिवेदी ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में शीर्ष प्रबंधन द्वारा भय का वातावरण बनाकर संसाधन सुविधा उपलब्ध कराए बिना लगातार कार्य करने का दबाव कर्मचारियों और अभियंताओं पर बनाया जा रहा है जिसका पुरजोर विरोध होना चाहिए, चाहे निजीकरण का मुद्दा हो या पावर सेक्टर को बचाना हो, अब कर्मचारियों और अभियंताओं को एक साथ विरोध करना होगा।

इस दौरान इं राजीव सिंह अध्यक्ष उ०प्र०, इं जय प्रकाश केंद्रीय महासचिव एवं कॉ० महेंद्र राय मुख्य महामंत्री उ० प्र०बिजली कर्मचारी संघ ने कहा कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के कारण ऊर्जा निगमों को हो रही आर्थिक क्षति एवं ऊर्जा निगमों में व्याप्त भय के वातावरण को समाप्त कराने हेतु एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु बार-बार अनुरोध के बावजूद कुछ भी सार्थक कार्यवाही न होने के कारण संघर्ष समिति द्वारा सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण हेतु आन्दोलन का निर्णय लिया गया है। बताया गया कि 29 नवम्बर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने से पहले 21 नवम्बर को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर अपराह्न 03ः00 बजे से सायं 05ः00 बजे तक विरोध सभायें कर ध्यानाकर्षण किया जाएगा। 22 नवम्बर से नियमानुसार कार्य आंदोलन प्रारम्भ होगा।ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन स्तर पर व्याप्त स्वेच्छारिता और भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश भर में जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया जाएगा, 28 नवम्बर को सायं पांच बजे से समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। प्रदेश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस व सभाओं के माध्यम से व्यापक जनजागरण अभियान जारी रहेगा ।

यह हैं मुख्य मांगे – बिजली कर्मचारियों,जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं की मुख्य मांगों में ऊर्जा निगमों के सुचारू संचालन हेतु चेयरमैन, प्रबन्धन निदेशकों व निदेशकों के पदों पर चयन निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जाये, सभी बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति 9 वर्ष, कुल 14 वर्ष एवं कुल 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त 3 पदोन्नत पदों के समयबद्ध वेतनमान दिये जायें, सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाये, ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिए जायें तथा 765 / 400/220 केवी विद्युत उप केन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाये, पारेषण में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाये, आगरा फ्रेंचाईजी व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाये, ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा हेतु पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये, सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये, केन्द्र के सार्वजनिक उपक्रमों की तरह प्रदेश के ऊर्जा निगमों में भत्तों का पुनरीक्षण किया जाये, रियायती बिजली की सुविधा पूर्ववत जारी रखी जाये, बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाये, अन्य प्रान्तों की तरह समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये तथा शीर्ष प्रबन्धन स्तर पर व्यापत भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किये जायें व कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं|

सभा में अजय द्विवेदी कोषाध्यक्ष, अंकुर प्रचार सचिव उ०प्र०रा०वि०अ०सं०, राजवीर सिंह (द०अध्यक्ष), सुनील गौतम क्षेत्रीय अध्यक्ष, मुकेश चौरसिया वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मोहित कुमार संगठन सचिव रा० वि० प० जू० इं० सं० उ०प्र०, रवि निरंजन जोनल मंत्री उ० प्र०बिजली कर्मचारी संघ, मो० वसीम केंद्रीय महासचिव ,अभिमन्यु कुमार (प० महासचिव) रा०वि०प० प्रा० क० सं० उ०प्र०, कार्यालय सहायक संघ, लेखा संघ आदि समेत सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी,जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता उपस्थित रहे।