भारतीय शिक्षण मंडल- युवा आयाम एवं आरएफआरएफ शोध पत्र प्रतियोगिता के प्रमाण पत्र वितरित

झांसी। शोध का क्षेत्र केवल विज्ञान एवं जीवन को बेहतर बनाने के लिए ही नहीं होना चाहिए बल्कि हमारी पहचान, हमारी संस्कृति और हमारे मौलिक इतिहास को वर्तमान के सामने लाने के लिए भी होना चाहिए। उक्त विचार भारतीय शिक्षण मंडल के कानपुर बुंदेलखंड प्रांत विश्वविद्यालय प्रमुख एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के वनस्पति शास्त्र के सहायक आचार्य डॉ राजेश पाण्डेय ने व्यक्त किए। वे भारतीय शिक्षण मंडल युवा आयाम एवं रिसर्च फॉर रिसेर्जेंस फाउंडेशन नागपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली शोध प्रतियोगिता सुभाष स्वराज सरकार के प्रमाण पत्र वितरित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा को साकार रूप देने के लिए युवाओं को प्रेरित किया है। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत, सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिंद सरकार की उपयोगिता, भूले बिसरे नायकों जैसे आदि महत्वपूर्ण विषयों पर शोध पत्र आमंत्रित किए गए थे। इस अवसर पर जनसंचार और पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर कौशल त्रिपाठी, श्री राघवेंद्र दीक्षित अभिषेक कुमार, शोध छात्रा विजया, छात्र रितिक पटेल, दिव्यांशी, अजय कुमार, अपूर्वा, आदित्य कनौजिया, शिवम झा, अभय प्रताप के साथ अनेक छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रही।