झांसी। गैंगरेप के मामले में अभियुक्त महेंद्र सिंह यादव और सुनील यादव पर दोष सिद्ध होने पर दोनों को पॉक्सो कोर्ट ने 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही लड़कियों को भगाकर ले जाने वाले अभियुक्त कमलेश कुशवाहा और रविंद्र कुशवाहा को 5-5 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला पॉक्सो कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नितेंद्र कुमार ने बुधवार को सुनाया है।

गैंगरेप में दोषी पाए जाने वाले अभियुक्त महेंद्र सिंह यादव और सुनील यादव दोनों मैनपुरी के नगला भाटा गांव के रहने वाले हैं। लड़कियों को भगा कर ले जाने पर 5–5 साल की सजा पाने वाले अभियुक्त कमलेश कुशवाहा जालौन के काशीखेड़ा और रविंद्र कुशवाहा मोंठ के टांडा गांव के रहने वाले हैं।

गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2015 को पीड़ित बहनों के पिता ने मोंठ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तहरीर में बताया था कि कमलेश और रविंद्र उसकी नावालिग दो बेटियों को मोंठ कस्बे की एक नाबालिग लड़की की मदद से भगाकर ले गए थे। इसमें दोनों आरोपियों ने गुजरात में उनको महेंद्र सिंह यादव को सौंप दिया था। जैसे ही दोनों बहनों के लापता होने की खबर घर वालों को लगी तो परिजनों ने हर तरफ लड़कियों की तलाश की, लेकिन लड़कियों का कहीं भी कोई सुराग नहीं मिला। शक होने पर साईं होटल से पिता ने गांव वालों की मदद से कमलेश को पकड़ा तो उसने घटना की पूरी जानकारी दी। इस पर पुलिस ने केस दर्ज किया।

इस मामले में महेंद्र और सुनील के कब्जे से दोनों बहनों को पुलिस ने बरामद किया था। विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि 7 साल चली सुनवाई के बाद पास्को कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नितेंद्र कुमार ने महेंद्र और सुनील को 20-20 साल के कारावास और 35-35 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है जबकि लड़कियों को भगा कर ले जाने के जुर्म में कमलेश और रविंद्र को 5-5 साल का कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं, आरोपी नाबालिग लड़की का केस जुवनाइल कोर्ट में चला गया था।