– प्रख्यात लेखक /आईएएस अधिकारी तरुण भटनागर की एक पुस्तक का विमोचन

– बुविवि में रही बुकवाला कहानी उत्सव की धूम

झांसी। बीयू के गांधी सभागार में बुकवाला संस्था के स्थापना दिवस पर कहानी उत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि उम्र के हर पड़ाव पर हर वय को कहानियां लुभाती हैं। कहानियां हमारी कल्पनाशीलता को नया आयाम देती हैं। यह मनुष्य की बौद्धिक और तार्किक क्षमता का विस्तार करती हैं।
उन्होंने कहा कि इस सृष्टि में जीव के पैदा होते ही कहानी की गूंज सुनाई देने लगती है। हर व्यक्ति अपने परिवार में कहानी से रु ब रु होता है। उन्होंने पंचतंत्र की कहानियों का उल्लेख कर उनकी महत्ता समझाई। प्रो पाण्डेय ने कहानियों की विशिष्टताओं को भी रेखांकित किया। प्रो पाण्डेय ने कहा कि हर लेखक की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है। उन्होंने प्रख्यात लेखक और आईएएस अधिकारी तरुण भटनागर की सफलता के पीछे उनकी पत्नी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस दौरान सिफ्सा‌ के मंडलीय अधिकारी आनंद चौबे ने कहा कि कहानी का इतिहास बहुत समृद्ध है। उन्होंने कछुआ और खरगोश की कहानी का उदाहरण देते कहा कि ये जीवन में रूपांतरण का संदेश देती हैं। हर कहानीकार भावी पीढ़ी में रूपांतरण की कामना करता है। कहानियां जीवन की विविध समस्याओं का समाधान देती हैं। बुकवाला के संस्थापक अनमोल दुबे ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
बदलते परिवेश में कहानी विषय पर आयोजित सत्र में कहानीकार तरुण भटनागर ने एक सवाल पर कहा कि पारिवारिक माहौल में साहित्य के प्रति रुझान के कारण कहानी के प्रति उनका झुकाव पैदा हुआ। एक सवाल पर कहा कि शुरुआत में छोटी छोटी कहानियां लिखीं। पिछले 15 साल से लगातार रचनाकर्म में सक्रिय हैं। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कहानियां हर जगह बिखरी पड़ी हैं। लेखक उनको शब्दों में संजोता भर है। समय के साथ अच्छी कहानियों की मांग बढ़ी है। अच्छी दुनिया और अच्छे विचारों की पक्षधर कहानियां ही लोकप्रियता हासिल करती हैं। युद्ध, गरीबी, विभाजन की त्रासदी और आदिवासी समाज के दुरुह जीवन के बारे में भी काफी कुछ लिखा गया है। आयुष श्रीवास्तव ने मंच पर उनसे लंबी बातचीत की।
वाचिका परंपरा में कहानी एक नया आयाम के दूसरे सत्र में लेखक मोहित द्विवेदी ने कहा कि डिजिटल पॉडकास्ट के आने से अब कहानियां सरल तरीके से पहुंच रही है क्योंकि समय के अभाव के चलते कई लोग पढ़ने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं लेकिन कहानियां सुनना आसान एवं सरल होता है साथ बताया कहानियां हमें बहुत कुछ सिखाती हैं। अंत में उन्होंने एक ऐसी कहानी सुनाई जिसका शीर्षक था “लंका लग गई” और वो कहानी इतनी पसंद आई सभी को की तालियों की गड़गड़ाहट पूरी कहानी के दौरान रुकी नहीं। पोड कास्ट कहानी के बाद बैक टू टैलेंट की टीम ने वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की महागाथा पर प्ले प्रस्तुत किया तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए।
इस कार्यक्रम में ही प्रख्यात लेखक और आईएएस अधिकारी तरुण भटनागर की एक पुस्तक का विमोचन कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने किया। टीम बुकवाला ने कुलपति प्रो पाण्डेय को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में कला संकाय अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी, प्रो पुनीत बिसारिया,‌ डा श्रीहरि त्रिपाठी, डा जय सिंह, डा कौशल त्रिपाठी, डा मुहम्मद नईम,उमेश शुक्ल, डा नवीन चंद्र पटेल. चंद्र प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र कुमार कुशवाहा, निशा, राजेश, आदित्य, प्रिया, शिवम, रूपेंद्र, ज्योति, जुनैद, अंशु, पंजाब, तरुण समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। मंच संचालन ज्योति वर्मा, देव तोमर ने व आभार बुक वाला के संस्थापक अनमोल दुबे ने व्यक्त किया।