झांसी। भारतीय रेल के लिये सर्वाधिक वैगन उत्पादन करने वाले झांसी कारखाना के ऑडिटोरियम में कारखाना सांस्कृतिक अकादमी एवं राजभाषा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र की जयंती समारोह का आयोजन मुख्य कारखाना प्रबन्धक श्री अजय श्रीवास्तवा” की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें आनंद प्रकाश, हरनंदन और विशाल ने शैलेन्द्र के गाने प्रस्तुत किये, तो हॉल तालियों से गूंजने लगा। संगीत में आलोक राजबेन, सुधीर गुप्ता, एडवर्ड किन्टर ने साथ दिया।
गीत संगीत के बाद कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ जिसमें नियाज़ महोब्बी ने गजल पेश की “कैसा मौसम है कुछ पता तो मिले खिड़कियां खोल कुछ हवा तो मिले” विदिशा से ब्रज श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता के तौर पर शैलेन्द्र के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि शैलेन्द्र जी 1946 से 1948 तक कारखाना एस.टी.सी. में ट्रेनी के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया मांटूगा काखाना में वैल्डर के पद कार्यरत थे। साथ ही कविता पाठ करते हुये समकालीन कविता प्रस्तुत की।
समकालीन, प्रख्यात गीतकार अर्जुन सिंह “चांद” ने कार्यक्रम को ऊंचाई पर पहुंचा दिया। उन्होंने भगवान श्री राम पर गीत प्रस्तुत किया और गज़ल पढी” आप आगे हैं आगे ही रहिए सदा- है जो पीछे रास्ता दीजिए,” सीनियर सैक्शन इंजीनियर आफाक अहमद ने भी शेर सुनाये “हमारा जिस्म चीरोगे तो हिन्तोस्तान मिलेगा” लोक भूषण पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध कवि पन्नालाल, “असर” ने पढ़ा “बर्फ पर कब तक टिकेंगे कांच के ऊंचे महल ढह गये बरसात की उस धूप में पहले पहल” समारोह की अध्यक्षता कर रहे मुख्य कारखाना प्रबन्धक ” अजय श्रीवास्तवा ने दर्शकों की बेहद मांग पर अपनी प्रसिद्ध रचना “माँ” पढ़ी तो हॉल में उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गई।
इस अवसर पर अमित कुमार तिवारी” फैक्ट्री मैनेजर”, शिवेन्द्र “उप मुख्य योंत्रिक इंजीनियर”, ए. के वर्मा ” उप मुख्य यॉत्रिक इंजीयिर” समर्थ अग्रवाल” उत्पादन इंजीनियर”, ओम प्रकाश उपाध्याय सहायक कारखाना प्रबन्धक”, नारायण दास ” सहायक कार्मिक अधिकारी, एनसीआरईएस के सचिव “इन्द्रविजय सिंह” एनसीआरएमयू की सचिव ” उषा सिंह”, एससीएसटी के सचिव नवीन कुमार राजभाषा अधीक्षक सुनील कुमार पाठक एवं एस.सी. कुरील और बडी सख्या में कारखाना के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का संचालन आफाक अहमद सीनियर सैक्शन इंजीनियर ने किया। अंत में उप मुख्य कार्मिक अधिकारी आशीष कुमार शुक्ला ने साहित्यिक अंदाज में आभार व्यक्त किया।