झांसी। मोटरसाइकिल की मांग पूरी नहीं होने पर जला कर हत्या के मामले में गवाहों के ब्यान से मुकरने के बाद भी अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय महिलाओं के विरूद्ध अपराध) फरीदा बेगम द्वारा पति को सात वर्ष के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पाण्डेय के अनुसार वादी मुकदमा दबोह जिला भिड निवासी हरी मोहन ने अपनी पुत्री रश्मि की शादी थाना पूंछ क्षेत्र अंतर्गत मुहल्ला कालका निवासी संजय सेन पुत्र स्व० खुन्नी सेन के साथ 22 अप्रैल 2015 को की थी, जिसमें अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज व करीब छः लाख रुपये दिया गया था। शादी के करीब दो वर्ष बाद से लड़ाई झगड़ा कर ससुरारी जन वादी मुकदमा की पुत्री को मारने पीटने लगे और कहने लगे अपने पिता से मोटरसाइकिल दिलवाओ नहीं तो चैन से नहीं रहने देंगे, जान से मार डालेंगे। यह बात रश्मि ने मायके वालों को बतायी तो वादी मुकदमा ने उसकी ससुराल में जाकर पुत्री की सास श्रीमती पुष्पा सेन, पति संजय सेन, जेठ विजय सेन, अजय सेन के साथ आपस में बैठकर सुलहनामा किया फिर भी हमेशा मारपीट कर प्रताड़ित करते रहे।

इसके बाद 04 अगस्त 2020 को रश्मि को पति संजय सेन, सास पुष्पा सेन, जेठ विजय, अजय, जिठानी क्रांति सेन, संगीता ने मिलकर अतिरिक्त दहेज में मोटरसाइकिल न मिलने के कारण मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर मार दिया। सूचना मिलते ही जब वादी मुकदमा मौके पर पहुंचा तो रश्मि मृत अवस्था में जली पड़ी मिली । वादी मुकदमा द्वारा प्रस्तुत शिकायती पर थाना पूंछ में अभियुक्त गण संजय सेन, पुष्पा सेन, विजय सेन, अजय सेन, क्रान्ती सेन, संगीता सेन के विरूद्व धारा 498ए, 304बी भा०दं०सं व दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत 05 अगस्त 2020 को मुकदमा दर्ज किया गया।

विवेचना उपरांत अभियुक्त संजय सेन के विरूद्ध पर्याप्त‌ साक्ष्य पाते हुए धारा 498ए, 304बी भा०दं०सं० व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। जहां गवाहों के अपने बयानों से मुकरने के बाद भी न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध संजय सेन पुत्र स्व० देवेन्द्र कुमार सेन उर्फ खुनी को धारा 498ए भादस के अपराध में 3 वर्ष (तीन वर्ष) के सश्रम कारावास तथा 2,000 (दो हजार रुपये ) अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड न अदा करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा 304बी भा०द०सं० के अपराध में
7 वर्ष (सात वर्ष) के सश्रम कारावास एवं धारा-4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत अपराध में 2 वर्ष (दो वर्ष) के सश्रम कारावास तथा 5,000 रुपये (पाँच हजार रुपये) अर्थदण्ड , अर्थदण्ड न अदा करने पर 15 दिन (पन्द्रह दिन) के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।

वादी मुकदमा के खिलाफ वाद दर्ज करने का आदेश

वादी मुकदमा हरीमोहन सेन द्वारा अपने बयानों से मुकरने पर न्यायालय द्वारा सख्त रुख अपनाते हुए उसके खिलाफ वाद दर्ज करने का आदेश दिया गया है। न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत करने पर वादी मुकदमा हरीमोहन सेन के विरूद्ध अन्तर्गत धारा- 344 दं०प्र०सं० के तहत प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज किए जाने का आदेश दिया गया है।