थ्री फेज़ लोकोमोटिव के उपयोग से डीजल के उपयोग में निरंतर हो रही है कमी

झांसी। वर्तमान में झांसी मंडल पूर्णतः विद्युतिकृत हो गया है। झांसी मंडल के अक्टूबर 22 में उदयपुरा – ईशानगर खंड के विद्युतिकृत होने के साथ ही उत्तर मध्य रेलवे विद्युतिकृत हो चुका है।  झाँसी मंडल मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष के दिशा – निर्देशन में निरंतर हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है, जिससे कार्बन के उत्सर्जन को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कम किया जा रहा है। इसके साथ ही हरित ऊर्जा के माध्यम से राजस्व की बचत की जा रही है ।

झाँसी मंडल द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23  में अप्रैल से दिसम्बर माह तक आधुनिक तकनीक के थ्री फेज़ लोकोमोटिव (रेल इंजन) के उपयोग से 5,36,05902 यूनिट  बिजली की बचत की गई जिससे  रू. 34.18 करोड़ के रेल राजस्व की  बचत की गयी है । वहीं मंडल ने दिसम्बर माह में 57,53,168 यूनिट बिजली की बचत की है, जिससे  रू. 3.68 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई है । गौरतलब है कि 3 फेज इंजन होने की वजह से इसमें रि-जनरेटिव ब्रेकिंग भी होता है जिसकी वजह से ब्रेकिंग में लगने वाली उर्जा एकत्रित होकर पुनः इंजन को प्राप्त हो जाती है तथा ऊर्जा की बचत होती है।

इसी प्रकार मंडल द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23  में अप्रैल से दिसम्बर माह तक हाई स्पीड डीजल खपत में लायी गयी कमी से  रिकॉर्ड रु 12.03 करोड़ रेल राजस्व की  बचत की गयी है । डीजल की बचत लोको शटडाउन तथा अन्य माध्यमों से HSD (हाई स्पीड डीजल) की खपत में कमी लाते हुए की गई है। वहीं माह दिसम्बर 22 में रु.1.08 करोड़ रेल राजस्व कि बचत की गयी है | यह बचत डीजल के स्थान पर बिजली के अधिकतम उपयोग से संभव हो सकी है । डीजल की खपत में आई कमी के साथ ही तकनीक का उपयोग एवं उचित प्रबंधन से डीजल इस्तेमाल में कमी आई है । डीजल की खपत में कमी के चलते कार्बन उत्सर्जन में भी गिरावट आती है, जो की पर्यावरण को हरित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम हेतु सहायक है।

इसके अतिरिक्त  मंडल द्वारा अपने पारंपरिक माध्यमों के अलावा मंडल द्वारा भूमि संशाधनों ,स्क्रैप डिस्पोजल  और अन्य स्रोतों-  से रेल राजस्व में निरंतर बढ़ोत्तरी के साथ बचत की जा रही है I