झांसी। दो वर्ष पूर्व पति के निधन के बाद विधवा ने अपने जीवन की डोर देवर को सौंप दी। भाभी -देवर में प्रेम संबंध बन गये। विधवा ने देवर को ही अपना पति स्वीकार कर लिया, किंतु इस प्रेम कहानी में उस समय मोड़ आ गया जब देवर ने भाभी से शादी करने से इंकार कर दिया। इससे परेशान महिला ने थाना पहुंच कर अपनी व्यथा सुनाई। यहां पुलिस ने परिजन एवं पंचों को बुलाकर पंचायत कराई। पंचायत के बाद परिजन इस विवाह के लिए राजी हो गए और थाने में देवर-भाभी ने हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी रचा ली।

यह मामला झांसी के उल्दन थाना क्षेत्र के ग्राम पचवारा का है। उल्दन के पचवारा गांव निवासी 25 वर्षीय सुधा के पति शंकर अहिरवार की दो वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। वह अपने पीछे तीन बेटी छोड़ गया था। शंकर की मौत के बाद उसका छोटा भाई रवि भाभी और बच्चियों की देखभाल करने लगा। इसी दौरान देवर-भाभी के बीच प्रेम संबंध बन गए। देवर ने शुरू में सुधा से विवाह करने की वायदा किया लेकिन, कुछ समय पहले उसने शादी करने से इनकार कर दिया। इससे सुधा परेशान हो गयी और उसे अपने व बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा।

परेशान सुधा ने थाना उल्दन जाकर रिश्तों को टूटने से बचाने की गुहार लगाई। इस पर थाना प्रभारी अजमेर सिंह भदौरिया ने देवर समेत परिजनों को थाने बुलाया। गांव के दूसरे लोगों की मौजूदगी में कई घंटे पंचायत चली तो सुधा ने प्रेम प्रसंग की जानकारी दी। पंचायत में परिजन दोनों के विवाह पर राजी हो गए। इसके बाद देवर भी सुधा से विवाह करने पर राजी हो गया। परिवार व दोनों की रजामंदी के बाद थाना परिसर में ही विवाह के लिए वेदी तैयार की गई। देवर भाभी ने एक दूसरे को वर माला पहना दी और साक्षी बने पुलिस कर्मी एवं परिजन व ग्रामीण।