पैनोरमा थिएटर क्लब द्वारा मनाया गया राष्ट्रीय बालिका दिवस
झाँसी। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के पैनोरमा थिएटर क्लब द्वारा समाज कार्य विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा बालिका सशक्तिकरण से सम्बन्धित अपने विचार एवं काव्य रचनायें प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए क्लब की समन्वयक डाॅ. नेहा मिश्रा ने कहा कि बालिकायें परिवार व समाज की मुख्य धुरी हैं। एक समय था, जब लड़कियों की लक्ष्मण-रेखा रसोई घर की ड्योढ़ी तक होती थी, या फिर शादी के बाद घर-गृहस्थी तक सिमट कर रह जाती थी, लेकिन आज हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं। वर्तमान में भारत की बेटियां आकाश से समुद्र तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। उन्होनें कहा कि ग्रामीण एवं अविकसित क्षेत्रों में आज भी लड़कियों की स्थिति अच्छी नहीं है। आज भी देश में बेटियों के जन्म एवं शिक्षा को लेकर तमाम सामाजिक धारणाएं व्याप्त हैं, जिन्हें दूर किया जाना आवश्यक है।
इस अवसर पर क्लब के समन्वयक डाॅ. मुहम्मद नईम ने कहा कि बेटियों को बराबरी का हक दिलाने एवं उनकी सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को किया जाता है। उन्होनें कहा कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से लाख गुना आगे हैं, देश-विदेश में कहीं कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां उन्होंने अपने वर्चस्व स्थापित नहीं किया है। यही वजह है कि भारत सरकार ने भी बेटियों को और ज्यादा सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस की परंपरा वर्ष 2008 से शुरू की गई।
इस अवसर पर क्लब छात्र समन्वयक जुनैद अंसारी, अंशु सिंह, मुस्कान सोनी, आरोही पाण्डेय, विकास पटेल, निखिल पटेल, शिवानी पोरवाल, कशिश शर्मा आदि ने बालिका सशक्तिकरण से सम्बन्धित अपने विचार व्यक्त किए व विद्यार्थियों द्वारा काव्य रचनायें भी प्रस्तुत की गई।