कार्मिक महिलाओं को  एक लाख तक की बचत पर ब्याज कर मुक्त करना चाहिए

झांसीl महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी कार्मिकों को पुरानी पेंशन सहित सभी महिला कार्मिको एवं सिंगल महिला पेरेंट्स का टैक्स स्लैब अलग करने का प्रावधान भी बजट में करने की आवश्यकता हैl कार्मिक महिलाओं को एक लाख तक की बचत पर प्राप्त इंट्रेस्ट को कर मुक्त करना चाहिए अविवाहित/ तलाकशुदा/ विधवा/ सिंगल महिला कार्मिक और वरिष्ठ महिला जन का टैक्स स्लैब अलग करने एवम उन्हें सभी लाभ देने का प्रावधान इस वर्ष के बजट में करने की नितांत आवश्यकता हैl इससे परिवार व समाज में महिलाओं की महत्ता बढ़ेगी। जिससे हम नारी सशक्तिकरण जैसे अभियान को और अधिक गति दे सकते हैं।
आर्थिक विकास की दर में वृद्धि करने के साथ गरीबी, बेरोजगारी और महिलाओं व बेटियों की शिक्षा व स्वास्थ्य की समस्या को दूर करना ही एक अच्छे और शानदार बजट की पहचान होती है।मैं उक्त सभी प्रमुख बिंदुओं को साधने के तरीकों पर इस बजट से अपेक्षा करती हूं।
अनुच्छेद 112 से 117 के तहत भारतीय संविधान बजट के अधिनियम की शक्तियों को स्थापित करती है, फरवरी माह में  सरकार अपनी योजनाओं की जानकारी वित्त मंत्री के माध्यम से जनता के सम्मुख एक आदर्श बजट के रूप में तैयार की गई है, देश की समस्त महिलाएं और बेटियां भारतवर्ष की  राष्ट्रपति  , प्रधानमंत्री  और वित्तीय मंत्री  से अनुरोध करती है कि इस वर्ष के सरकारी बजट में आपके द्वारा दिए गए सुविधाओं से समाज में महिलाओं और बेटियों की आर्थिक महत्ता बढ़ेगी।। वित्त मंत्री ने बजट के माध्यम से हर सेक्टर को लाभ पहुंचाया है जिसके लिए वो बधाई की पात्र है, लेकिन इस बजट में सेवारत (नौकरी पेशा) महिला कार्मिकों एवं एकल महिला अभिभावक (अविवाहित, तलाकशुदा,विधवा) एवम् वरिष्ठ जन का टैक्स स्लैब अलग करके उन्हें और भी अधिक सुविधा व छूट देने की नितांत आवश्यकता थी,जिससे परिवार व समाज में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को एवम् उनकी सामाजिक महत्ता को और भी अधिक बढ़ाया जा सकता था।
सरकार द्वारा नए बजट में “महिला सम्मान बचत पत्र योजना” की शुरुआत एवं 8 साल बाद इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन करने के साथ आयकर छूट की सीमा को बढ़ाना, महिलाओं और कर्मचारियों के लिए एक अच्छा कदम रहा।