जी-20 की भारतीय अध्यक्षता से विकासशील देशों में उम्मीद- डॉ काव्या दुबे

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच खुली चर्चा के अंतर्गत जी-20 युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा संस्थान की सह आचार्य डॉ काव्या दुबे ने छात्रों को बताया कि जी 20 विश्व के विकसित एवं विकासशील देशों का ऐसा समूह है जो विश्व की लगभग 85% जनसंख्या एवं 80% आर्थिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय अध्यक्षता का पर्याय है कि विकासशील देशों के विकास के एजेंडे को इस समूह में प्राथमिकता मिले।

पत्रकारिता विभाग के आचार्य डॉक्टर कौशल त्रिपाठी ने बताया कि भारत के प्रयासों के स्वरूप यह वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम मोटे अनाज के उत्पादों का अधिक से अधिक प्रयोग करें। इसके साथ ही ग्रीन टेक्नोलॉजी में भी भारत विश्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स की किरणदीप कौर ने बताया कि रेडियो बुंदेलखंड ताराग्राम ऐसे ही कार्यक्रम का निर्माण कर रहा है। विशेष रुप से क्लाइमेट प्रोटेक्शन में ग्रामीण महिलाओ की क्या भूमिका हो सकती है।

छात्रों ने जी 20 के विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए। साथ ही जी-20 के विषय में ब्रांड एम्बेसडरों से जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ जय सिंह, उमेश शुक्ला, विधि विभाग के डॉक्टर प्रशांत मिश्रा, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स से ऋषभ, कंप्यूटर से पुनीत, छात्रों में ऋतिक पटेल, पुनीत,पायल जैन आलिया हाशमी,अजय कुमार, आदित्य कनौजिया आदि मौजूद रहे है।