झांसी। अपर सत्र न्यायधीश यतेंद्र कुमार की अदालत ने वर्ष 2014 में पत्नी की हत्या कर फरार हुए अभियुक्त पति को अजीवन कारावास की सजा और बीस हजार रुपए अर्थ दंड से दण्डित किया। आजीवन कारावास के साथ साथ जीवन पर्यंत अर्थात अपनी स्वाभाविक मृत्यु होने तक कारावास में ही रहेगा।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया की गुरसराय के नई बस्ती निवासी संतोष रैकवार ने गुरसराय थाना में 4 अक्टूबर 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था की दहेज की मांग पूरी न होने पर उसका जीजा जितेंद्र रायकवार चार वर्ष पूर्व उसकी बहन और उसके बच्चे को मायके में छोड़ कर चला गया था। तब से वह कोई वास्ता नहीं रखे था। घटना के एक दिन पूर्व वह घर आया और संतोष की बहन से बोला अपनी मम्मी से मुझे पच्चीस हजार रुपए धंधा करने के लिए दिलवा दो। रात अधिक होने पर जीजा वही घर रुक गया और जितेंद्र व उसकी मां एक समारोह में खाना बनाने चले गए तभी रात्रि में उसके जीजा ने बहन की धारदार हथियार से हत्या कर दी और बच्चे को लेकर भाग गया।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चार्ज शीट दाखिल कर दी थी। इस मुकदमे की सुनवाई कर अपर सत्र न्यायधीश यतेंद्र कुमार की अदालत ने अभियुक्त संतोष रैकवार को पत्नी की हत्या का दोष सिद्ध होने पर अजीवन कारावास की सजा और बीस हजार रुपए अर्थदंड से दण्डित किया गया। आजीवन कारावास के साथ साथ जीवन पर्यंत अर्थात अपनी स्वाभाविक मृत्यु होने तक कारावास में ही रहेगा। इसके साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया है की आरोपी से अर्थ दंड वसूल कर मुकदमा वादी को आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाए।