पापा की याद में नावालिग ने छोड़ा था घर

झांसी। तीन दिन पूर्व सावरमती एक्सप्रेस से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर रेलवे चाइल्ड लाइन को मिली गुना मप्र की 10 वर्षीय बालिका वास्तव में माता पिता की बिछुड़ी नहीं थी, वह गुना से घर छोड़ कर राजस्थान में काम करने वाले अपने पिता से मिलने निकली, किंतु झांसी पहुंच गई। पूछताछ में उसने जो बताया तो बाप बेटी के लाड़ की कहानी सामने आई। जब उसने बताया कि पापा की याद आ रही थी इसलिए उनसे मिलने राजस्थान जा रही थी तो आंखों में आंसू आ गए।

दरअसल, गुना मप्र रुठियाई के वार्ड 23 कर्माखेड़ी की लक्ष्मी यादव का पिता मजदूरी करने राजस्थान गया है। लक्ष्मी अपन  सौतेली मां के साथ रहती है। बेटी लक्ष्मी को पिता की बहुत याद आ रही थी। पिता से मिलने की आस में बिना किसी को बताए बेटी घर से निकल कर राजस्थान जाने के लिए अनजाने में सावरमती एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार हो गई। ट्रेन लक्ष्मी को लेकर झांसी पहुंच गई। यहां वह कोच से उतर गई और घबरा कर रोने लगी। अकेली लड़की को रोते देख कर वेंडर ने उससे पूछताछ की और रेलवे चाइल्ड लाइन को खबर की।

चाइल्ड लाइन ने लड़की को सहानुभूति पूर्वक पूछताछ की तो उसने अपनी कहानी बताई। इसके बाद गुना पुलिस को सूचना दी गई। गुना पुलिस उसे ढूंढते हुए झांसी पहुंची और वहां से उसे लेकर लौट गई। लड़की की गुमशुदगी गुना के धरनावदा थाने में उसकी बहन नीलम ने दर्ज कराई गई थी।

लक्ष्मी ने बरामद होने पर उसने पुलिस को घर छोड़ने का जो कारण बताया, उससे सभी भावुक हो गये। वह अपनी सौतेली मां के साथ रहती है। पिता राजस्थान में मजदूरी करते हैं। उन्हीं से मिलने की आस में वह जिले से 400 किलोमीटर दूर पहुंच गई। बच्ची ने बताया कि उसे पिता की याद आ रही थी।इसलिए वह उनसे मिलने के लिए राजस्थान जाने के लिए निकली। वह रुठियाई रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां वह गलती से झांसी तरफ जाने वाली ट्रेन में बैठ गयी। साबरमती एक्सप्रेस से वह झांसी पहुंच गई।