भारत ने वसुदेव कुटुंबकम की भावना से प्रेरित हो दुनिया के डेढ़ सौ देशों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन की वितरित- अनुराग शर्मा

रोग के उपचार को प्रमुखता देने की जगह प्रारंभिक स्तर पर डायग्नोज करने पर ध्यान देना जरूरी- प्रो पीयूष त्रिवेदी

झांसी। गांधी सभागार में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान द्वारा ‘न्यू पैराडिग्मा इन फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट 2023’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि झांसी ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि भारत वसुदेव कुटुंबकम की भावना से कार्य करता है। भारतीय फार्मा वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना संकट काल के समय भारत में विश्व में अग्रणी रहते हुए वैक्सीन का निर्माण किया। इसके साथ ही लगभग डेढ़ सौ देशों को मुक्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद रोगों के उपचार की ऐसी प्रक्रिया है जिसे हम पिछले 5000 वर्षों से प्रयोग कर रहे हैं। इतना शोध तो कहीं भी देखने को नहीं मिलता। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को प्रेरित किया कि इसे और लाभदायक बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही झांसी में न्यू इन्नोवेशन सेंटर खोला जाएगा एवं सीएसआईआर एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी भारत सरकार के संस्थानों से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्रों को शोध हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही वैद्यनाथ समूह द्वारा शोध हेतु लगभग 40 लाख की छात्रवृत्ति प्रदान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीयूष त्रिवेदी ने कहा कि फार्मेसी के अंतर्गत किए जाने वाले शोध, रोगों के उपचार को ध्यान में रखकर किए जाते हैं। अब समय आ गया है कि हम रोग को प्रारंभिक चरण में ही पता लगाने वाले उपकरण एवं दवाइयों की खोज करें। उन्होंने कहा कि फार्मा इंडस्ट्री में तकनीक विश्वविद्यालय एवं औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से आ सकती है। क्योंकि एक दवाई ईजाद करने में ही करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कहा कि विश्विद्यालय पिछले 40 वर्षों से तकनीक, शोध, नवाचार, सशक्तिकरण जैसे कार्यों में संलग्न है। हम सात जिलों में 368 संस्थानों के साथ 3 लाख छात्रों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय नैक ग्रेडेशन, आईएसओ प्रमाण पत्र एवं निर्फ रैंकिंग में अग्रणी संस्थान है। विश्वविद्यालय ने लगभग 110 एमओयू विभिन्न संस्थानों के साथ किए हैं जिसमें पिछले 1 साल में 100 एवं वैश्विक स्तर पर 15 विश्व के अनेक देशों जिसमें जर्मनी यूएसए जैसे प्रमुख देशों के साथ है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय इनक्यूबेशन, स्टार्टअप, इनोवेशन, रिसर्च, को बढ़ावा देता आया है। निश्चित ही इस कांफ्रेंस से छात्रों को फार्मेसी क्षेत्र में हो रहे नए शोध और विकास के आयामों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

कॉन्फ्रेंस को यूनिवर्सिटी ऑफ टेलीडो, अमेरिका के प्रोफेसर एफ एस्कॉट हौल, प्रोफेसर अमित के तिवारी, प्रोफेसर पिया वोजेल, ओबर्न विश्वविद्यालय अमेरिका के प्रोफेसर डेविड टेरियो, प्रोफेसर जय रामापुरम, शोभित यूनिवर्सिटी सहारनपुर के कुलपति प्रोफेसर रंजीत सिंह, प्रोफेसर संजय कुमार सिंह, सागर विवि, प्रोफेसर शैलेन्द्र शराफ़ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर पीयूष त्रिवेदी को एक्सीलेंस इन एकेडमिक लीडरशिप अवॉर्ड, डॉक्टर जेबी रामापुरम को डिस्टिंग्विश्ड फार्मास्यूटिकल इन्वेस्टिगेटिव अवार्ड, डॉ एफ एस्कॉर्ट को डिस्टिंग्विश्ड न्यूरोसाइंटिस्ट अवार्ड प्रदान किया गया। डॉ शशि आलोक की पुस्तक टेक्स्ट बुक ऑन सोशल फार्मेसी, डॉ भावना शर्मा एवं डॉ उपेंद्र कुमार शर्मा की टेस्ट बुक ऑफ फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री के साथ ही सेमिनार एब्स्ट्रेक्ट का लोकार्पण किया गया। यूनिवर्सिटी ऑफ टेलीडो यूएसए के साथ एमओयू किया गया। इसके पूर्व संयोजक कॉन्फ्रेंस एवं फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ पीयूष भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत किया। सहसंयोजक प्रोफेसर सुनील प्रजापति ने आभार प्रकट किया। संचालन डॉ प्रेम राजपूत एवं डॉ अनुपम व्यास ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, प्रो एसपी सिंह, प्रो सुनील काबिया, प्रो अपर्णा राज, प्रो अर्चना वर्मा, प्रो देवेश निगम, प्रो डीके भट्ट, प्रो मुन्ना तिवारी, प्रो सौरभ श्रीवास्तव, डॉ शोभित सिंह, डॉ विजय सिंह, डॉ शशि आलोक, डॉआलोक महौर, डॉ ऋषिकेश गुप्ता, डॉ गिरीश सोनी, डॉ भावना शर्मा, डॉ पंकज निरंजन, डॉ नंदलाल गुप्ता, डाॅ शैलेंद्र सिंह, डाॅ राम जी स्वर्णकार एसके निरंजन आदि उपस्थित रहे।