झांसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम सहित बलात्कार) फरीदा बेगम की अदालत ने दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

विशेष लोक अभियोजक चंद्रप्रकाश शर्मा के अनुसार एक व्यक्ति ने बड़ागांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि 28 फरवरी 2016 को उसकी 15 साल की बेटी को पारीछा कॉलोनी निवासी मनीष ढीमर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। बेटी अपने साथ घर में रखे चांदी के लगभग 500 ग्राम वजन के आभूषण भी ले गई थी। बेटी को ले जाने में युवक के परिवार के लोगों ने भी मदद की थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद नाबालिग को बरामद कर लिया था। जांच में उसके साथ दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।

न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद दोष सिद्ध होने पर मनीष ढीमर को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया, जिसकी अदायगी न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा न्यायालय ने अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई।