झांसी। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अपात्रों का चयन और धनराशि निकाल लेने के मामले में अलग-अलग विकासखंड के सचिव और ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ जांच अधिकारी भी नामित करते हुए जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

झांसी के बामौर विकासखंड के ग्राम विकास अधिकारी आसीत व्यास ने सगौली ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 12 अपात्र लाभार्थियों का चयन कर दिया। जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि चयन प्रस्ताव के क्रम में जनपद से अनुमोदन एवं स्वीकृति के बाद पूर्व में पात्र लाभार्थियों को अपात्र कर दिया गया। सचिव ने अपने दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही अथवा उदासीनता बरती। ऐसे में सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में वह चिरगांव विकासखंड से संबद्ध रहेंगे। अनुशासनिक कार्रवाई से संंबधित सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए चिरगांव के खंड विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित कर समय से जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी तरह विकास खंड मोंठ में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी राकेश नरवरिया द्वारा ग्राम पंचायत सौजना में आवास योजना ग्रामीण में 13 अपात्र लाभार्थियों का चयन कर 5.20 लाख रुपये निकालने और आठ अपात्र लाभार्थियों का प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में चयन कर धनराशि निकालने का प्रयास करने के कारण 17 मार्च को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। डीडीओ ने बताया कि तीन दिनों में उन्हें स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए थे। अब तक वीडीओ ने स्पष्टीकरण नहीं दिया है। ऐसे में वीडियो को उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, ग्राम पंचायत सोजना में दायित्वों का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अपात्रों को आवास आवंटित कराकर 5.20 लाख की राशि निकालने और अपात्र लाभार्थियों का चयन कर राशि निकालने का प्रयास करने की वजह से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान वह बड़ागांव विकास खंड में संबद्ध रहेंगे। बड़ागांव के खंड विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया गया है।