राष्ट्रीय पुस्तक मेला, बुंदेली साहित्य उत्सव और एकीकरण शिविर संपन्न

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेला, सप्त दिवसीय लेखक शिविर,तीन दिवसीय बुंदेली साहित्य उत्सव और राष्ट्रीय सेवा योजना का विश्वविद्यालय एकीकरण शिविर का यहां शुक्रवार को अतिथियों के सम्मान के साथ सफलतापूर्वक समापन हो गया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि शिक्षक विधायक डा बाबूलाल तिवारी ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। संगठन में शक्ति है। यही सत्य सिखाता है एन एस एस। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे मेहनत और संगठन के मंत्र को आत्मसात कर देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षक के रूप में एन एस एस के अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया। यह संगठन राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए अच्छे युवा तैयार करने के लिए इस संगठन का शुभारंभ किया गया। सामाजिक जीवन में जाने के पूर्व विद्यार्थियों को अनुभव और ज्ञान से परिचित कराने के लिए विविध संस्थाएं कार्यरत हैं। एन एस एस सिखाता है कि सभी एक दूसरे संग मिलकर काम करें। एक समानता का भाव रखकर काम करना सिखाता है। उन्होंने भगवान राम को वनवास भेजने की कैकई के प्रसंग के महत्व को भी रेखांकित किया।

कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि भारत ज्ञान और कुशलता के आधार पर विश्व गुरु बनना चाहता है। वन सन, वन ग्रिड स्लोगन का उदाहरण देकर प्रो पाण्डेय ने कहा कि यह पीएम के वसुधैव कुटुंबकम की भावना का परिचायक है। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय उत्सव से विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने, पढ़ने और देखने को मिला है। प्रो पाण्डेय ने व्यक्तित्व के विकास में एन एस एस और एन सी सी के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा कि बुविवि ने भी नई शिक्षा नीति को लागू किया है। नई शिक्षा नीति युवाओं के समग्र विकास पर बल देती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी विद्यार्थियों ने एक दूसरे से बहुत कुछ सकारात्मक गुण सीखें होंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को विवि के समस्त संसाधनों का सदुपयोग करने का आह्वान किया।

बुविवि के पूर्व कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे ने कहा कि पुस्तक का कोई विकल्प नहीं है भले हम चाहे जितना आगे बढ़ जाएं। जब हम किसी पुस्तक को पढ़ते हैं तो उसका अहसास अलग ही होता है। एन एस एस के प्रभारी समन्वयक और कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि एक सप्ताह का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होना सराहनीय है। उम्मीद है कि सभी बच्चे एकीकरण के मंत्र को समझकर देश को आगे ले जाएंगे। एन एस एस विद्यार्थियों को स्वावलंबन, परिवार और समुदाय से जुड़े रहने का मंत्र देता है। सभी अतिथियों ने हिंदी संस्थान में स्थापित कला वीथिका का लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में साहित्यकार गौरी शंकर उपाध्याय सरल को सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों को प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। समापन सत्र में आमजन समिति के संयोजक प्रो मुन्ना तिवारी ने पिछले सात दिनों के विविध आयोजनों का ब्यौरा पेश किया।

बुविवि के हिंदी विभाग और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, डा मनुजी स्मृति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बुंदेली साहित्य उत्सव के तीसरे दिन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता ओम शंकर खरे ने की। इस सत्र में साहित्यकार राम नारायण शर्मा, छतरपुर के छत्रसाल विश्वविद्यालय के प्रो बहादुर सिंह परमार, पन्ना लाल असर, सुखराम चतुर्वेदी, डा राघवेंद्र उदैनिया आदि ने बुंदेली साहित्य के विविध पहलुओं,उनकी विशेषताओं और महत्व पर विचार रखे। इसका संचालन नीरज गुप्ता ने किया। अंत में आभार प्रो पुनीत बिसारिया ने किया। उन्होंने अपनी रचनाएं भी सुनाईं।
शुरुआत में संयोजक प्रो मुन्ना तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में जन संचार एवं पत्रकारिता संस्थान के समन्वयक डा जय सिंह, उमेश शुक्ल, अभिषेक कुमार, हिंदी संस्थान से डा अचला पाण्डेय, डा श्रीहरि त्रिपाठी, डा प्रेमलता श्रीवास्तव,डा सुधा दीक्षित, डा सुनीता वर्मा, डा नवीन चंद्र पटेल, डा द्युति मालिनी, रचनाकार निहालचंद्र शिवहरे, अनिल दुबे, साकेत सुमन चतुर्वेदी, अभय कुमार दुबे, डा स्वप्ना सक्सेना, डा संतोष पाण्डेय, अतीत विजय, राजेश तिवारी मक्खन आदि उपस्थित रहे। इस सत्र में रामसेवक पाठक हरि किंकर की गौ माता, पीएन दुबे की फगवारे और डा पुनीत श्रीवास्तव की पुस्तक बुंदेली वैभव का विमोचन किया गया।